मुन्ना बजरंगी हत्याकांड में सामने आया निलंबित जेल अफसरों के कारनामे
बागपत जेल में मुन्ना बजरंगी की हत्या के मामले में निलंबित जेल कर्मियों की भूमिका संदिग्ध मिली है। विभागीय जांच के दौरान यह नया तथ्य सामने आया है। बताया जा रहा है कि जिन जेल कर्मियों को निलंबित किया गया था उनमें से कुछ के पूर्व में भी अपराधियों से रिश्ते रह चुके हैं। उन्होंने ही बागपत जेल में सुनील राठी को खुली छूट दे रखी थी।
जेल महकमे के सूत्रों के अनुसार बागपत के एक निलंबित जेल अधिकारी पर आरोप है कि गोरखपुर जेल में उसकी तैनाती के दौरान होली के मौके पर जश्न का आयोजन किया गया था और कैदियों को शराब के साथ-साथ मिठाई भी बांटी गई थी।
इसकी सूचना मिलने पर जेल प्रशासन ने उक्त जेल अधिकारी को निलंबित कर दिया था, लेकिन कुछ दिन बाद उसे बहाल कर दिया गया था। इसके बाद, उसे पूर्व की तरह महत्वपूर्ण जिलों की जेलों में अहम पदों पर तैनाती दी जाने लगी थी।
जेल के अंदर पिस्टल तक मुहैया करवाई
बताया जा रहा है कि फतेहगढ़ में तैनाती के दौरान उक्त जेल अधिकारी सुभाष ठाकुर नाम के अपराधी की खुलकर मदद करता था। उसने ठाकुर को जेल के अंदर पिस्टल तक मुहैया करा दी थी। जेल अधिकारी के एक रिश्तेदार का सरकारी ठेकों में दखल था।
राठी के लिए जेल में भेज गए थे ब्रांडेड जींस व टीशर्ट
फतेहगढ़ जेल में बंद सुनील राठी को कैदियों के कपड़े में रखा जा रहा है। जेल पहुंचने के बाद उसके लिए आठ ब्रांडेड जींस की पैंट और टीशर्ट भेजी गई थीं, जिसे जेल प्रशासन ने राठी तक पहुंचाने से मना कर दिया। इतना ही नहीं, राठी से किसी को मिलने भी नहीं दिया जा रहा है।
माफिया मुन्ना बजरंगी की तेरहीं में पहुंचे कई राज्यों के लोग
परिवार वालों की ओर से बांटे गए थे 15 हजार कार्ड
सुरेरी थाना क्षेत्र के पूरेदयाल कशेरू गांव निवासी माफिया प्रेम प्रकाश उर्फ मुंन्ना बजरंगी की नौ जुलाई को बागपत जेल में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। माफिया की तेरहवीं के लिए परिवार वालों की ओर से 15 हजार कार्ड बांटे गए थे। इसके अलावा व्हाट्सएप के जरिए भी तमाम लोगों को संदेश भेजा गया था। एलआईयू ने बजरंगी की तेरहवीं में भारी भीड़ जुटने की सूचना जिला प्रशासन को दी थी। प्रशासन पूरी तरह से चौकस था।