MP में नर्मदा दिखा रौद्र रूप, सीएम शिवराज ने की अपील- पानी से घिरे स्थानों पर रहने की जिद न करें लोग

देश में कई राज्यों में बारिश से हालात खराब हैं। मध्यप्रदेश में तेज बारिश से 12 जिलों में बाढ़ ने कहर बरपा दिया है और 454 गांवों को जलमग्न कर दिया है। सेना ने अभी तक करीब 10 हजार लोगों को सुरक्षित निकाला है। ऐसे में प्रदेश के हरदा जिले में आसमान से बरस रही आफत भले ही थम सी गई होे, लेकिन बारिश से आई आफत की तस्वीरें अब निकल कर सामने आ रही है।
नर्मदा के किनारे बसे गांव नेमावर में तो हालत बहुत बुरे हो गए हैं। यहां का एक वीडियो सामने आया है जिसमें नर्मदा अपने पूरे उफान पर है और खतरे के निशान को पार कर चुकी है। नर्मदा का पानी चारों ओर तबाही मचाते हुए एक श्मशान घाट तक पहुंच गया और इस श्मशान घाट को भी जलमग्न कर दिया है। पानी से घिरे श्मशान घाट में गांव वाले दाह संस्कार कर रहे हैं। शव के दाह संस्कार के लिए लोगों को मशक्कत करनी पड़ रही है।
वहीं एक दूसरा वीडियो भी खूब वायरल हो रहा है जो नर्मदा के दूसरे किनारे पर बसे हंडिया का है। इस गांव को भी नर्मदा नदी के पानी ने जलमग्न कर दिया है। गांव के गणेश मंदिर में कमर तक पानी भर गया है। ऐसी हालत में भी लोग गणेश जी की पूजा कर रहे हैं।
30 सालों के विकराल रूप में नर्मदा
प्रदेश के हरदा जिले में बीते दो दिनों से भारी बारिश से सभी नदियां उफान पर थीं। नर्मदा नदी 1993 के बाद अपने उच्चतम स्तर को पारकर 275 मीटर तक पहुंची गई। नर्मदा किनारे बसे गाँवों में हालत बहुत ज्यादा खराब है। यहां प्रशासन ने करीब 5 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। लगातार बारिश और डेम से पानी छोड़े जाने के कारण नर्मदा बीते 30 सालों के अपने विकराल रूप में है। नर्मदा के विकराल रूप से छीपानेर, गोन्दा गांव, गोला, गंगेश्वरी, हंडिया, शमशाबाद और गोयत सहित कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है और सैंकड़ों घर जलमग्न हो गए हैं। हंडिया में नेशनल हाइवे पर बना पुल शनिवार से ही अभी तक बन्द है, जिससे दोनों ओर वाहनों की कतार लगी हुई है।
मुख्यमंत्री की अपील- पानी से घिरे स्थानों पर रहने की जिद न करें लोग
मध्यप्रदेश में बाढ़ के हालात को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की है। मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की है कि पानी से घिरे स्थानों पर रहने की जिद न करें और प्रशासन जब निकलने का कहे तो तुरंत अन्य स्थान पर या राहत शिविर में शिफ्ट होने में सहयोग करें। मुख्यमंत्री ने स्वैच्छिक संगठनों से भी आग्रह किया है कि सहयोग का हाथ बढ़ाएं और बाढ़ प्रभावित लोगों को भोजन, वस्त्र और अन्य सहायता प्रदान करें।
मुख्यमंत्री ने बताया कि कटनी, शाजापुर और देवास में ऐसी घटनाओं से प्रभावित लोगों को आवश्यक सहायता दी गई है। कच्चे मकान जो खतरनाक हो सकते हैं और भारी बारिश नहीं सह सकते, उन्हें खाली किया जाना ही सही है।

 

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