Mother’s Day : मां तुम्हारा शुक्रिया तुम मेरे हमेशा साथ हो

मां,

पिछले पांच साल से दिल्ली में हूं। उस शहर में जो रेप कैपिटल के नाम से बदनाम है। यहां अकेली रहती हूं। मीडिया में नौकरी करती हूं। ऐसी नौकरी जिसे करने वाली लड़कियों को हमारे शहर के लोग गलत नजर से देखते हैं। ऐसी नौकरी जिसे करने वाले को लोग अपना घर किराए पर भी देना नहीं चाहते। पर तुम सबसे लड़ी। उन लोगों से जिन्होंने दबी जुबान में कहा कि दिल्ली में अकेली रही, तो हाथ से निकल जाउंगी। उन लोगों की बात भी अनसुनी कर दी कि मीडिया में नौकरी करने वाली लड़कियों को शादी के लिए अच्छे रिश्ते नहीं मिलते।

 

 

जब मेरी सहेलियों की जबरन शादी हो रही थी, तब तुमने मुझे आगे पढ़ने और नौकरी करने के लिए भेजा। खुद अपनी सारी ख्वाहिशों को चूल्हे में झोंक दिया, मगर मुझे हमेशा मेरे सपनों को पूरा करने का हौसला दिया। मैट्रिक की परीक्षा के बाद जहां मेरी सहेलियों को रोटी बेलनी सिखाई जा रहा थी, तुमने मुझे एक ही टॉपिक पर पांच अलग-अलग तरीके से निबंध लिखने को कहा। 

शादी की बात आई तो भी तुमने पापा को समझाया। दीदी की लव मैरिज के वक्त तुमने मेरे सामने शर्त रखी दी कि मैं पापा की मर्जी से ही शादी करूंगी। दो साल बाद जब मैंने तुम्हें उस लड़के से मिलवाया, जिसे मैं अपना हमसफर बनाना चाहती थी, तब तुम नाराज हुई थी। पर बाद में तुमने ही तो पापा को समझाया था। शादी के ताम-झाम के लिए पैसे कम पड़े तो अपना हार तक बेच दिया। तुम रो भी रही थी। पर सच कहूं तो तुम्हारे वे आंसू ही आज मुझे हौसला देते हैं।

 शादी के बाद भी नौकरी की वजह से पति और ससुराल से अलग रह रही हूं। सच कहूं तो कई बार ख्याल भी आया कि सब छोड़-छाड़कर परिवार के पास लौट जाऊं। दूसरे ही पल ठिठक जाती हूं। यह सोचकर कि मेरी पढ़ाई, नौकरी, शादी और सपनों के लिए ना जाने तुमने कितने संघर्ष किए, कितने लोगों से लड़ाई की, कितने बलिदान दिए। फिर मैं कैसे झटकेभर में उन्हें छोड़ दूं? 

मां, तुमसे ही सीखा है कि एक नाखुश इंसान कभी किसी को खुश नहीं रख सकता। यह सीख मेरी आखिरी सांस तक साथ रहेगी। तुम्हारे जैसा कभी नहीं बन सकती पर कोशिश हमेशा करती रहूंगी।

हैप्पी मदर्स डे मां

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