माल्या जैसे कर्ज ना चुकाने वालों पर नकेल कसेगी मोदी सरकार, उठाया बड़ा कदम

नई दिल्ली । कर्ज ना चुकाने वाले (डिफॉल्टर) प्रमोटरों को देश से बाहर जाने से रोकने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार की अगुवाई में एक हाई लेवल कमेटी बनाई है। यह कमेटी डिफॉल्टरों को देश से भागने से रोकने के उपाय सुझाएगी। साथ ही मौजूदा कानूनों में बदलाव पर भी राय देगी। 

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि इसके अंतर्गत उन प्रवर्तकों पर विशेष रूप से फोकस किया जाएगा, जिनके पास दूसरे देश की भी नागरिकता है। इससे नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और विजय माल्या जैसे प्रकरणों पर लगाम लगाई जा सकेगी। 

सूत्रों का कहना है कि समिति की पहली बैठक में दोहरी नागरिकता और सिस्टम को ठोस और तर्कसंगत बनाने पर विचार हुआ, जिससे आर्थिक अपराधों में शामिल लोग देश से भाग नहीं पाएं।  इस हाई लेवल कमेटी के अन्य सदस्यों में प्रवर्तन निदेशालय, केंद्रीय जांच ब्यूरो, खुफिया ब्यूरो और भारतीय रिजर्व बैंक के प्रतिनिधि शामिल हैं। इसके अलावा गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के अधिकारी भी समिति में होंगे। 

सूत्रों बताते  है कि मौजूदा सिस्टम में किसी डिफॉल्टर को अपराधी घोषित करने में काफी वक्त लगता है। ऐसे में समिति ऐसे तरीकों पर गौर कर रही है ताकि ऐसे मामलों में पहले से अलर्ट किया जाएगा। इस बारे में कई सुझाव मिले हैं, जिससे ऐसे प्रवर्तकों पर लगाम लग सके। इनमें भारतीय नागरिकता छोड़ने और घरेलू कानून में बदलाव के संदर्भ में सुझाव शामिल हैं। 

पंजाब नेशनल बैंक में 2 अरब डॉलर का घोटाला सामने आने के बाद वित्त मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से 50 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज लेने वालों के पासपोर्ट का ब्योरा जुटाने को कहा था। इस घोटाले का मुख्य आरोपी नीरव मोदी और उसका मामा मेहुल चोकसी देश से भाग चुके हैं। 

इसके अलावा बैंकों से कर्ज आवेदन फार्म को संशोधित कर उसमें कर्ज लेने वालों का पासपोर्ट का ब्योरा भी शामिल करने को कहा था। शराब कारोबारी विजय माल्या मार्च, 2016 में देश छोड़कर फरार हो गया था। माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस अपना कर्ज चुकाने में नाकाम रही थी।

ICICI बैंक में 31 NPA खातों की जांच

आईसीआईसीआई बैंक में 31 गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) खातों में अनियमितता की जांच कर रही स्वतंत्र आडिट समिति ने विधि कंपनी की नियुक्ति की है। यह विधि कंपनी जांच में आडिट समिति की सहायता करेगी। बैंक के एक अधिकारी ने कहा, ऑडिट समिति ने एक विधि कंपनी की नियुक्ति की है, जो जांच में उसकी मदद करेगी।’ अधिकारी ने कहा कि आडिट समिति में बैंक के स्वतंत्र निदेशक भी शामिल हैं , बैंक को इस मामले में नियुक्त विधि कंपनी के नाम की जानकारी नहीं है। 

रपटों के मुताबिक विधि कंपनी पनाग एंड बाबू को आडिट समिति ने नियुक्त किया है। इस बारे में संपर्क करने पर कंपनी के प्रवक्ता ने टिप्पणी से इनकार किया। आईसीआईसीआई बैंक ने जून में कहा था कि उसे 31 खातों में अनियमितताओं के बारे में एक गुप्त शिकायत मिली है। बैंक के निदेशक मंडल की आडिट समिति में उदय चिताले , दीपक चोकसी और राधाकृष्णन नायर शामिल हैं। ये 31 खाते 31 मार्च , 2012 से 31 मार्च , 2017 के दौरान एनपीए के रूप में वगीकृत किए गए है।

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