मंत्री धर्मसोत ने अकाली दल के सभी आरोपों का दिया जवाब

जालंधरः कांग्रेस पार्टी के 5वीं बार विधायक और तीसरी बार मंत्री बने साधु सिंह धर्मसोत आजकल 3 विभागों (वन विभाग, प्रिंटिंग, स्टेशनरी, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जाति भलाई विभाग) का कामकाज देख रहे हैं। बीते दिनों वह पंजाब केसरी टी.वी. के स्टूडियो पहुंचे जहां उन्होंने पंजाब के मसलों पर हमारे प्रतिनिधि रमनदीप सिंह सोढी व कमल के साथ खास बातचीत की। उन्होंने जहां अकाली दल के सभी आरोपों का जवाब दिया, वहीं पर्यावरण को बचाने और दलितों के लिए विभाग की तरफ से किए जा रहे कार्यों के बारे में भी अवगत करवाया। 

सवाल : मंत्री साहब जस्टिस रणजीत सिंह कमीशन की रिपोर्ट पर अकाली दल का कहना है कि कांग्रेस बदलाखोरी की राजनीति करके राज्य का माहौल खराब कर रही है?

जवाब: कांग्रेस ने हमेशा जनता को इंसफ दिलाने की कोशिश की है। समय चाहे स्व. बेअंत सिंह की सरकार का हो, तब भी 3 हजार पार्टी वर्करों सहित मुख्यमंत्री ने शहीदी देकर उजड़े हुए पंजाब को बचाया था। रही बात अकाली दल की तो इनको भागने की बजाय सैशन में बैठ कर सवालों का सामना करना चाहिए था। मैं खुद बिजनैस एडवाइजरी समिति का मैंबर था, जिसमें अकाली दल का एक पूर्व मंत्री भी मैंबर था। सभी पक्षों की सहमति के साथ यह फैसला हुआ था कि बहस दो घंटे ही होगी, परन्तु अगर जरूरत पड़ी तो सैशन का समय और बढ़ाया जाएगा। समिति का फैसला स्पीकर साहब ने सभी पक्षों को सुनाया था। यहां तक कि जब अकालियों ने शोर मचाना शुरू किया तो तब भी स्पीकर ने कहा था कि अगर आप बहस करना चाहते हैं तो हम सैशन अगले दिन तक भी बढ़ा लेंगे, परन्तु अकालियों के मन में डर था क्योंकि गुनाहगार सत्य का सामना नहीं कर सकते, इसी कारण वे भगौड़े हो गए।

सवाल: जिस तरह कमीशन की रिपोर्ट में सिर्फ यह लिखा है कि पूर्व मुख्यमंत्री बादल की तरफ से पूर्व डी.जी.पी. के साथ देर रात बात की गई, परन्तु यह कहां साबित होता है कि उन्होंने गोली चलाने का आदेश दिया था?

जवाब: देखें, परिवार की गलती का जिम्मेदार हमेशा घर के मालिक को ही ठहराया जाता है। यदि वह सच्चे हैं तो उनकी तरफ से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई, चुप्पी किस बात की है? अगर अकाली सच्चे हैं तो फिर लोगों या नेताओं के सवालों का जवाब क्यों नहीं देते?

सवाल: क्या आप ने खुद जस्टिस कमीशन की रिपोर्ट पढ़ी है?
जवाब: नहीं जी, मैंने अभी रिपोर्ट नहीं पढ़ी और न ही विधानसभा में बोला हूं।

सवाल: बेअदबी मामलों की जांच सी.बी.आई. को देने की जरूरत क्यों पड़ी?
जवाब: यह तो जी मौके की जरूरत थी, परन्तु अब सदन ने जांच वापस लेने का प्रस्ताव पास किया है तो वापस ली जा रही है। 

सवाल: अकाली कहते हैं कि कांग्रेस ने खैहरा के साथ मैच फिक्सिंग करके उसके रिश्तेदार से हमारे खिलाफ रिपोर्ट तैयार करवाई है?
जवाब: यह तो दूध का दूध और पानी का पानी हो ही जाना है। रही बात फिक्सिंग की तो मैं समझता हूं कि जब बात श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की आती है तो सभी को मिल कर ही ङ्क्षचता और चर्चा करनी चाहिए जबकि अकाली दल के नेताओं ने तो इतने गंभीर मुद्दे पर भी वॉकआऊट कर दिया, बल्कि उनको भी सवालों का सामना करना चाहिए था। मैं तो कहता हूं कि अगर हमसे भी कोई गलती होती है तो हमारे खिलाफ भी सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

सवाल: आप ने अकाली दल की सरकार के समय हुई बेअदबियों पर तो कमीशन बिठा दिया और रिपोर्ट भी पेश कर दी परन्तु जो  बेअदबियां आपकी सरकार में हो रही हैं क्या इसकी भी जांच करवाएंगे?

जवाब: देखें, हमारी सरकार में बेअदबी की कोई बड़ी घटना सामने नहीं आई है। कुछ केस जरूर सामने आए हैं, जिन पर सरकार सख्त कदम उठा रही है और दोषियों को सख्त से सख्त सजा भी दी जाएगी, जिस बारे मुख्यमंत्री साहब वचनबद्ध हैं।

सवाल: जिस तरह से तीनों ही पाटियां एक-दूसरे के खिलाफ पुतले फूंक रही हैं, क्या इस तरह राज्य का माहौल खराब नहीं होगा?

जवाब: देखें, पंजाब के लोगों के मन में इस बात का बड़ा गुस्सा है कि अकाली दल ने 25 साल की सत्ता के लालच में लोगों का ध्यान बदलने के लिए श्री गुरु ग्रंथ साहब जी को दाव पर लगा दिया। जब यह गंभीर मसले पर विधानसभा में भी नहीं रुके तो लोगों को यकीन हो गया कि ये झूठे हैं, इसी कारण उनकी तरफ से पुतले फूंके जा रहे हैं। बाकी लोग बुद्धिमान हैं, वे लोकतंत्र का इस्तेमाल करते हुए इनके खिलाफ पुतलेफूंक रहे हैं, परन्तु हालात बिल्कुल खराब नहीं होने देंगे।

सवाल: एस.सी./बी.सी. (दलित) भाईचारे के लिए आप ने अब तक क्या फैसले लिए हैं?
जवाब: मेरी इच्छा थी कि पिछड़े वर्गों को समाज में उनका हक मिले। मैं बड़ा खुशकिस्मत हूं कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने मेरी तरफ से दलित भाईचारे से संबंधित विधानसभा में पेश किए गए पंजाब अनुसूचित जातियों, पिछड़ी श्रेणियों एक्ट-2006 (सरकारी नौकरियों में आरक्षण) बिल को सहमति से पास करवाया और पिछड़े वर्गों को उनका बनता हक दिलवाया। इस एक्ट के साथ ग्रुप-ए और बी को 14 प्रतिशत और ग्रुप-सी और डी को 20 प्रतिशत सरकारी नौकरियों में आरक्षण फिर मिलना शुरू हो जाएगा, जोकि लम्बे समय से बंद था। इसके अलावा राज्य सरकार की तरफ से एस.सी./बी.सी. वर्ग के 52 करोड़ के कर्ज माफ किए गए हैं। अगले साल 56 करोड़ के अन्य कर्ज दिए जाने का प्रबंध किया गया है। जो लोग कर्ज चुका नहीं सके  उनकी तरफ से लिए गए कर्ज से ज्यादा रकम भर दी गई है। उनकी वन-टाइम सैटलमैंट करके कर्ज मुआफी की जाएगी।

सवाल: लोकसभाचुनाव को लेकर कांग्रेस की क्या तैयारी है?
जवाब: अकाली दल पर से राज्य की जनता का भरोसा उठ चुका है। आम आदमी पार्टी का झाड़ू बिखर चुका है और मोदी सरकार के अच्छे दिन देश की जनता ने नोटबंदी, जी.एस.टी, पैट्रोल-डीजल और रसोई गैस की लगातार बढ़ती कीमतों जैसी लोक मारू नीतियों को देख चुके हैं। 2019 में पंजाब का दृश्य बिल्कुल साफ है, कांग्रेस पंजाब की सभी सीटों पर जीत हासिल करेगी। 

ज्यों-ज्यों कंबली भिज्जे त्यों-त्यों भारी होवे

कांग्रेसी मंत्री से जब सवाल किया गया कि बेअदबी मामलों पर कमीशन की रिपोर्ट में पूर्व  गृह मंत्री सुखबीर बादल या किसी और नेता 
का सीधे तौर पर नाम शामिल नहीं है तो फिर  कांग्रेस किस आधार पर उनके खिलाफ प्रचार  कर रही है, तो मंत्री ने कहा कि ‘ज्यों-ज्यों 
कंबली भिज्जे त्यों-त्यों भारी होवे’, अभी तो  रिपोर्ट पर एस.आई.टी. बनाई गई है जो सभी  दोषी नेताओं व पुलिस अफसरों के खिलाफ कार्रवाई करेगी, जिसके लिए सदन ने प्रस्ताव भी पास  किया है कि जांच सी.बी.आई. से वापस ली जाए।

पद छोड़ दूंगा पर वृक्ष काटने वालों को नहीं छोड़ूंगा

देखो मैं किसी कसूरवार को छोड़ता नहीं हूं। रही बात सख्ती की तो हमारे पास अकाली सरकार के समय 25 हजार पेड़ काटने का मामला आया है, आप देखना कि उनमें से एक दोषी को भी बख्शा नहीं जाएगा। रही बात माफिया की तो मैंने खुद गढ़शंकर में लाखों की महंगी लकड़ी जब्त करवाई और संबंधित लोगों के खिलाफमामला दर्ज किया है। इसके अलावा मैंने 5 हजार एकड़ वन विभाग की जमीन भी लोगों के कब्जे से छुड़वाई, जहां हम पेड़ लगा रहे हैं और आने वाले समय में हम करीब 31 हजार एकड़ जमीन खाली करवा रहे हैं जिसके बारे में कानूनी कार्रवाई चल रही है। मैं वादा करता हूं कि वृक्ष काटने वालों को नहीं छोड़ूंगा, पद चाहे छोड़ दूं।

बेशक मैं वन मंत्री हूं परन्तु एक टहनी भी नहीं काट सकता

पंजाब में वृक्षों की कटाई और बिक्री माफिया पर शिकंजा कसने के लिए जब मंत्री को सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि विदेशों की तरह वृक्षों के लिए कानून तो हमारे देश में भी एक ही हैं। दरअसल पंजाब के लोग भी इस मसले पर गंभीर नहीं हैं। मैं महकमे का मंत्री हूं परन्तु कानून मुताबिक एक टहनी भी नहीं काट सकता। 

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