ब्लैक मनी पर शिकंजे के लिए मोदी सरकार ने बनाया मेगा ऐक्शन प्लान…

नई दिल्ली : चुनावी साल में मोदी सरकार ने ब्लैक मनी पर शिकंजा कसने के लिए एक मेगा ऐक्शन प्लान पर काम करना शुरू कर दिया है। सरकार चाहती है कि कॉरपोरेट से लेकर आम आदमी के हर फाइनैंशल ट्रांजैक्शन यानी लेनदेनपर वह नजर रख सके। इसके लिए वह एक सिस्टम तैयार करना चाहती है और डेटाबेस बनाने की भी उसकी योजना है। इस ऐक्शन प्लान पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के साथ सोमवार से बातचीत शुरू हो चुकी है। ब्लैक मनी पर शिकंजे के लिए मोदी सरकार ने बनाया मेगा ऐक्शन प्लान...

वित्त मंत्रालय के एक बड़े अधिकारी ने बताया कि स्विस बैंकों के साथ सरकार घरेलू मार्केट में ब्लैक मनी का फ्लो रोकना चाहती है। वह फाइनैंशल ट्रांजैक्शन में पारदर्शिता लाने की कोशिश कर रही है। ऐसे में जरूरी है कि देश में ब्लैक मनी पैदा होने और उसके फ्लो पर अंकुश लगाया जाए। इसके लिए सभी तरह के फाइनैंशल ट्रांजैक्शन पर नजर रखने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि इस पर विचार शुरू हो चुका है और अंतिम सहमति के बाद इसकी खातिर नए सिस्टम को लागू किया जाएगा। 

स्विस बैंकों में भारतीयों की जमा राशि में बढ़ोतरी की रिपोर्ट सामने आने के बाद सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े हो रहे हैं। हालांकि, उसने यह कहकर अपनी नीतियों का बचाव किया है कि स्विस बैंकों में सारी जमा राशि ब्लैक मनी नहीं है। यही कारण है कि इनकम टैक्स विभाग को अब आईटी रिटर्न में यह देखने को कहा गया है कि किस-किस व्यक्ति ने स्विस बैंकों में अपने अकाउंट और जमा राशि के बारे में खुलासा किया है। देश के कई प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन विभागों पर भी इनकम टैक्स विभाग की पैनी नजर है। 

हरियाणा, यूपी, एमपी और झारखंड में प्रॉपर्टी रजिस्ट्री के लिए कैश स्टांप खरीदे गए हैं। इसे देखते हुए राज्यों के प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन विभागों पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की नजर है। स्टांप खरीद में कैश के लेनदेन के खुलासे से पता चला है कि 2 लाख की तय लिमिट से ज्यादा की खरीदारी कैश में की गई है। इस बारे में ट्रेजरी और स्टांप वेंडरों ने जानकारी छिपाई है। हरियाणा, यूपी, एमपी और झारखंड में इस तरह के दर्जनों मामले सामने आए हैं। इस पर राज्यों से हर महीने जानकारी भेजने को कहा गया है। 

इनकम टैक्स विभाग के सेक्शन 269 एसटी के मुताबिक, 2 लाख से ज्यादा के कैश में लेनदेन अवैध हैं। 2016-17 के बजट में खासतौर से सेक्शन 269 एसटी को इंट्रोड्यूस किया गया था। इस पर इनकम टैक्स विभाग ने पहली अप्रैल 2017 से नोटिफिकेशन जारी किया था। इस सेक्शन के मुताबिक, 2 लाख रुपये से ऊपर जितने की भी नकद लेनदेन किया जाता है, उतनी ही पेनाल्टी लगाई जाएगी। 

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