बिना आमंत्रित के सिग्नेचर ब्रिज उद्घाटन समारोह में पहुचें मनोज तिवारी…

14 साल के इंतजार के बाद दिल्लीवासियों को सिग्नेचर ब्रिज की सौगात मिलने वाली है। रविवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने वजीराबाद में यमुना नदी पर बने इस आठ लेन वाले ब्रिज का उद्घाटन करेंगे। बता दें कि पिछले कई दिनों से सुर्खियों में रहे इस ब्रिज पर अब सोमवार से वाहन फर्राटा भरते देखे जा सकेंगे। इसके शुरू होने से लोगों को भारी ट्रैफिक से निजात मिल सकेगी। 

वहीं सिग्नेचर ब्रिज के उद्घाटन समारोह में घमासान होने के आसार बन गए हैं। दरअसल, दिल्ली सरकार ने क्षेत्र के भाजपा सांसद मनोज तिवारी को समारोह में आमंत्रित नहीं किया है। इसके बावजूद तिवारी अपने समर्थकों के साथ सिग्नेचर ब्रिज उद्घाटन समारोह में शामिल होने पहुंचे हैं। उनके यहां पहुंचने पर हंगामा हो गया है। इसके बाद पुलिस ने उन्हें उद्घाटन स्थल पर जाने से रोकने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस और तिवारी के बीच धक्का-मुक्की भी देखने को मिली है। 

सिग्नेचर ब्रिज के उद्घाटन से पहले मौके पर पहुंचे दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा, ‘मैंने ब्रिज के निर्माण को दोबारा शुरू कराया था और अब अरविंद केजरीवाल उद्घाटन समारोह आयोजित कर रहे हैं। मुझे उद्घाटन समारोह में आमंत्रित किया गया था, जबकि मैं यहां से सांसद हूं। ऐसे में समस्या क्या है? क्या मैं एक अपराधी हूं? पुलिस ने मुझे क्यों घेर लिया? मैं यहां उनका (अरविंद केजरीवाल का) स्वागत करने के लिए हूं। आम आदमी पार्टी और पुलिस ने मेरे साथ दुर्व्यवहार किया।’

सिग्नेचर ब्रिज से जुड़ी प्रमुख बातें

यह उत्तर-पूर्वी दिल्ली, गाजियाबाद और बाहरी दिल्ली को जोड़ेगा। ब्रिज के रखरखाव के लिए ब्रिज हेल्थ मॉनीटरिंग सिस्टम तैयार किया गया है। 575 मीटर लंबे इस ब्रिज की सफाई भी यूरोप से आईं हाईटेक मशीनें करेंगी। हेल्थ मॉनीटरिंग सिस्टम के तहत ब्रिज में 104 सेंसर लगाए गए हैं। इनमें से 10 ब्रिज की केबल में और 5 सेंसर फाउंडेशन में लगाए गए हैं, जबकि ब्रिज के अन्य हिस्सों में भी सेंसर लगाए गए हैं। ये सेंसर ब्रिज के हर हिस्से की 24 घंटे निगरानी करेंगे। ब्रिज में कहीं भी कोई क्षति दिखेगी, तो सेंसर इसकी जानकारी तुरंत देंगे।

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ब्रिज के सभी सेंसर को एक कंट्रोल रूम से जोड़ा गया है और इसे ब्रिज के शुरू होने से कुछ देर पहले बनाया गया है। ब्रिज के उद्घाटन के बाद सभी सेंसर को कंट्रोल रूम से कनेक्ट कर दिया जाएगा। कंट्रोल रूम में 24 घंटे ब्रिज की मॉनीटरिंग होगी। गौरतलब है कि 1998 में यमुना में बस गिरने से 22 छात्रों की मौत के बाद सिग्नेचर ब्रिज बनाने का फैसला लिया गया था।

-154 मीटर है ब्रिज की ऊंचाई
-575 मीटर लंबा है और 35.2 मीटर चौड़ा है ब्रिज
-1,518 करोड़ की लागत से 14 साल में तैयार हुआ

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