बाबा भोलेनाथ से पाना चाहते है पूर्ण लाभ, तो इन नियमों से करें कांवड़ यात्रा

आपको बता दें कि सावन के महीने में शिव भक्त कांवड़ लेकर जाते हैं और कांवड़ ले जाने के कुछ नियम होते हैं। सावन का महीना शिवजी के लिए भी कहा जाता। बता दें कि सावन के महीने में ही समुद्र मंथन हुआ था और उसी समय शिवजी ने विष ग्रहण किया था जिसके बाद विष के प्रभाव को शांत करने के लिए गंगा जी को धरती पर बुलाया गया था। तभी से सावन के महीने में शिवजी को गंगाजी का जल अर्पित किया जाता है।बाबा भोलेनाथ से पाना चाहते है पूर्ण लाभ, तो इन नियमों से करें कांवड़ यात्रा

कांवड़ चढाने के कुछ नियम

बता दें कि इसमें नशे की सख्त मनाही है। किसी भी तरह का नशा करना वर्जित है।

खाने में आप कुछ भी मांसाहारी नहीं खा सकते। जब तक यात्रा पर हैं। 

आपको बता दें कि कांवड़ को जमीन पर रखने की मनाही होती है, अगर कहीं भी रुकना पड़े तो कांवड़ को ऊँचे स्थान पर रखा जाता है।

चमड़े से सामान से दूर रहना होगा, आपका पर्स और बेल्ट जैसी चीज़ें छूना नहीं है।

‘हर हर महादेव’ और ‘बोल बम’ का नारा लगते जाना है।

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