रिसर्च में हुआ बड़ा खुलासा, सूंघने और चखने का अलग होता है कोरोना के मरीजों का पैटर्न

कोविड-19 महामारी के कारण दुनिया में अब तक 2 करोड़ 20 लाख से अधिक लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इस बीमारी को लेकर दिन-रात रिसर्च की आपाधापी चल रही है। इस क्रम में हुए एक नए रिसर्च में यह बात सामने आई है कि संक्रमितों की सूंघने व स्वाद लेने का पैटर्न अलग होता है। इन्हें तीखे और मीठे स्वाद का अंतर पता नहीं चल पाता है।

कोविड-19 संक्रमण से प्रभावित होने वाली सूंघने की क्षमता को लेकर एक रिसर्च किया गया। इसके अनुसार, सर्दी-जुकाम में भी सूंघने की शक्ति कम हो जाती है लेकिन यह कोविड-19 के कारण प्रभावित होने वाली सूंघने की क्षमता से काफी अलग है। ईस्ट एंगलिया की यूनिवर्सिटी में सूंघने की क्षमता से जुड़े डिसऑर्डर के एक्सपर्ट की यूरोपीयन ग्रुप ने रिसर्च किया। इसमें प्रोफेसर फिलपॉट भी शामिल थे।

यह स्टडी जर्नल राइनोलॉजी में प्रकाशित हुई। यह ऐसी पहली रिसर्च है जिसमें यह पता चला कि कोविड-19 में सूंघने की क्षमता अन्य सांस की बीमारी वाले मरीजों से कितनी अलग होती है। इसमें मुख्य अंतर है कि कोविड-19 मरीजों में भी सूंघने की ताकत कम हो जाती है लेकिन वे आसानी से सांस ले सकते हैं उनका नाक नहीं बंद होता है और न ही नाक बहती है। इसके अलावा वे तीखे और मीठे स्वाद में अंतर नहीं पहचान सकते हैं। इस रिसर्च से यह पता चलता है कि कोविड-19 दिमाग व सेंट्रल नर्वस सिस्टम को संक्रमित करती है।

रिसर्च टीम को उम्मीद है कि उनका काम कोविड-19 स्क्रीनिंग के लिए सूंघने व स्वाद लेने की ताकत को विकसित करने में मदद करता है। संयुक्त अरब अमीरात के नॉरविच मेडिकल स्कूल के लीड रिसर्चर प्रोफेसर कार्ल फिलपॉट ने कहा, ‘ कोविड-19 के मुख्य लक्षणों में है सूंघने व स्वाद लेने की क्षमता का प्रभावित होना, हालांकि यह ज्यादा सर्दी जुकाम में भी होता है और हम अपने रिसर्च के जरिए इसी बात का पता लगाने की कोशिश कर रहे थे कि दोनों बीमारियों में होने वाले इस लक्षण में क्या अंतर है।’ रिसर्च टीम ने 10 कोविड-19 मरीजों, 10 सर्दी-जुकाम के मरीज और 10 स्वस्थ लोगों के सूंघने व स्वाद की क्षमता की जांच की। ये सभी लोग एक ही उम्र के थे।

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