मदन महल के प्लेटफार्म 3 पर गूंजेंगी शहनाई और होंगे सात फेरे

जबलपुर। रेलवे ने आय बढ़ाने के लिए नए-नए प्रयोग कर रहा है। इसी कड़ी में रेलवे स्टेशनों के खाली प्लेटफार्म पर शादियों के आयोजन की योजना बनाई गई है। रेलवे बोर्ड ने आदेश जारी कर सभी रेल मंडल की सीमा में आने वाले ऐसे स्टेशनों के प्लेटफार्मों को शादी, पार्टी के लिए देने को कहा है, जिसमें ट्रेनों की आवाजाही कम है। जबलपुर रेल मंडल की लिस्ट में मदन महल स्टेशन का नाम सबसे ऊपर है। योजना ने मूर्त रूप लिया तो जल्द ही शादी को यादगार बनाने के लिए लोग प्लेटफार्म को कुछ घंटों के लिए किराए पर ले सकेंगे। प्लेटफार्म पर शादी करने के लिए कितना किराया देना होगा, फिलहाल यह तय नहीं है। रेलवे बोर्ड की मंशा साफ होते ही इंजीनियरिंग विभाग इसका रेट तय करेगा।मदन महल के प्लेटफार्म 3 पर गूंजेंगी शहनाई और होंगे सात फेरे

मदन महल स्टेशन ही क्यों –

प्लेटफार्म –

स्टेशन में तीन प्लेटफार्म हैं। अधिकांश ट्रेनों की आवाजाही प्लेटफार्म 1 और 2 से होती है। प्लेटफार्म नंबर 3 ज्यादातर समय खाली ही रहता है।

ट्रेन –

स्टेशन पर 24 घंटे के दौरान रोजाना तकरीबन 16 ट्रेनें रुकती हैं। जबकि जबलपुर स्टेशन में 106 ट्रेनों का स्टॉपेज है। मदनमहल में दोपहर में 3 घंटे से भी ज्यादा समय तक कोई ट्रेन नहीं आती।

सर्कुलेशन एरिया –

प्लेटफार्म 3 के बाहर 5 हजार वर्ग फीट से ज्यादा जगह खाली है, जहां पर 18 अक्टूबर 2016 में निवर्तमान रेल मंत्री सुरेश प्रभु 3 हजार से ज्यादा लोगों को संबोधित कर चुके हैं।

पार्किंग –

मदन महल स्टेशन के प्लेटफार्म 1 और 3 पर दोनों ओर पार्किंग के लिए पर्याप्त जगह है। यहां एक वक्त में 500 से ज्यादा कार और दो पहिया वाहन खड़े हो सकते हैं।

शहर के बीच –

सबसे खास बात यह कि जबलपुर मंडल के सबसे प्रमुख स्टेशन जबलपुर से महज 3 किमी दूर मदन महल स्टेशन है। यह शहर के बीच में है। इसके आस-पास कई बड़े बारातघर भी हैं।

उत्सव सामुदायिक भवन –

स्टेशन के प्लेटफार्म 3 के बाहर पश्चिम मध्य रेलवे का आधुनिक सामुदायिक भवन है, जिसे वह शादियों के लिए देता है। इससे इस स्टेशन की डिमांड ज्यादा होगी।

प्लेटफार्म पर सिर्फ शादी, पार्टी नहीं –

प्लेटफार्म पर ट्रेनों की आवाजाही को देखते हुए उसे किराए पर देना है। मदन महल स्टेशन के प्लेटफार्म पर 24 कोच की ट्रेन आसानी से खड़ी हो सकती है। इसके अलावा प्लेटफार्म का परिसर साफ और छायादार है। यही खूबी रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग को शादी के लिए बेहतर लग रही है। हालांकि इंजीनियरिंग विभाग के पास अभी तक ऐसा कोई आदेश नहीं आया है, लेकिन उससे स्टेशन रिडेवलपमेंट के तहत यहां के एरिया की पूरी जानकारी तैयार की है, जिससे किराया का अनुमान लगा सकें।

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