जल विद्युत निगम में करोड़ों के खर्च से मेंटेनेंस के बाद ब्लास्ट हो गई मशीन

देहरादून। उत्तराखंड जल विद्युत निगम के छिबरो और खोदरी पावर हाउस के मेंटेनेंस के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद स्थिति नहीं सुधर पा रही है। दोनों पावर हाउस में 9-9 करोड़ रुपये खर्च किए गए। 18 करोड़ खर्च होने के बाद भी पावर प्लांट में तकनीकी खराबी आने से मेंटनेंस पर सवाल उठ रहे हैं।

छिबरो पावर हाउस में मेंटेंनेंस का काम खत्म होने के बाद ट्रायल के दिन ही मशीन नंबर-1 में धमाका हुआ, जिससे थ्रस्ट पैड फट गया। घटना के बाद मशीन ने काम करना बंद कर दिया। छिबरो पावर हाउस का मेंटेंनेंस का काम हाईड्रो मेगर प्राईवेट लिमिटेड को 9 करोड़ रुपये में टेंडर आवंटित कर दिया गया था। 

हाल ही में कंपनी ने मेंटेंनेंस का काम पूरा करके मशीन से बिजली उत्पादन शुरु करने को कहा। निगम सूत्रों का कहना है कि जैसे ही मशीन ऑन की तो थोड़ी देर में मशीन से थ्रष्ट पैड टूटकर ब्लास्ट हो गया। इसके बाद पूरे पावर हाउस का जेनरेशन ठप हो गया। कंपनी ने मशीन की मरम्मत के लिए अपने एक्सपर्ट भेजकर कर काम शुरू कर दिया है। 

इसी तरह खोदरी पावर हाउस का मेंटेनेंस कार्य भी 9 करोड़ रुपये में गूगल कंपनी को दिया गया था। यहां पर कंपनी पूरा काम कर कर चुकी थी। मरम्मत कार्य पूरा हुए एक सप्ताह भी नहीं बीता था कि मशीन नं-4 में फाल्ट आ गया। इसके बाद फिर से मशीन की रिपेयरिंग की जा रही है।

पावर हाउसों के मेंटेनेंस पर करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी फाल्ट आने को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। अंदरखाने चर्चा अफसरों के साथ मिलीभगत करके बड़ा खेल होने की चल रही है। 

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