लोकसभा चुनाव 2019: बीजेपी जदयू को दे सकती है 12 सीटें, बैठक में होगी चर्चा

बिहार में भाजपा अपने नए सहयोगी जदयू को लोकसभा चुनाव में सम्मानजनक तौर पर 12 सीटें तक दे सकती हैं। जदयू की तरफ से जल्द से जल्द सीटों के बंटवारे के दबाब को देखते हुए भाजपा नेतृत्व 8-9 सितंबर को अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में चर्चा करेगा। जदयू के खाते में बीते चुनाव में एनडीए की हारी हुई सीटों के साथ उसकी जीती हुई एक-दो सीटें भी दे सकती है। 

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बीते पटना दौरे में बिहार के मुख्यमंत्री व जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार के साथ दो दौर की मुलाकात में सीटों को लेकर चर्चा हुई थी। इसमें तय हुआ था कि जल्दी ही बंटवारे को अंतिम रूप दिया जाएगा। जदयू की अगले माह पटना में बैठक होने जा रही है और वह चाहता है कि उसके पहले सीटों के बंटवारे की घोषणा कर दी जाए। भाजपा नेतृत्व ने इस मामले पर प्रदेश के अपने नेताओं से एक दौर की चर्चा की है। अब अगले सप्ताह दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में बिहार के प्रदेश अध्यक्ष व अन्य प्रमुख नेताओं से चर्चा होगी। 

भाजपा जीती हुई दो सीटें छोड़ सकती है

सूत्रों के अनुसार, जदयू का कहना है कि राज्य की 40 लोकसभा सीटों में से भाजपा आधी 20 सीटें अपने पास रख ले और बाकी 20 सीटें सहयोगी दलों को दी जाएं। चूंकि भाजपा के अभी 22 सांसद हैं ऐसे में उसे अपनी जीती हुई दो सीटें जदयू के लिए छोड़नी पड़ सकती है। जदयू के पास अभी दो सांसद हैं। इस बार उसे एनडीए की हारी नौ लोकसभा सीटों के साथ तीन और सीटें यानी कुल 12 सीटें दी जा सकती हैं। दो जीती हुई सीटें भाजपा से एक सीट लोजपा से जदयू को जा सकती है। जदयू को बिहार से बाहर उत्तर प्रदेश या झारखंड में एक सीट और दी जा सकती है।

बीते चुनाव के सहयोगियों की घट सकती हैं सीटें

लोजपा पिछली बार सात सीटों पर लड़ी थी और छह सांसद जीते थे। इस बार उसके पास पांच सीटें ही रह सकती है। रालोसपा को अपनी दोनों सीटें फिर से मिलेंगी और उसके तीसरे सांसद पार्टी से बाहर गए अरुण कुमार अलग से एनडीए के साथ ही चुनाव लड़ सकते हैं। 

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