आजादी के बाद पहली बार इस गांव में आई लाइट, लोगों ने मनाई दिवाली

आजादी के बाद देशभर में चौतरफा विकास हुआ है। हालांकि, कई ऐसे गांव हैं जो आज भी विकास से अछूता है। कई गांवों में बिजली नहीं है, तो कई गांवों में पानी नहीं है, तो कुछ गांवों में सड़कें सही नहीं है। इनमें  जम्मू कश्मीर और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश के भी कई शामिल हैं। जहां लोग आज भी अंधेरे में रहते हैं। रात के अंधेरे को दूर के लिए केरोसिन तेल में रात में गुजारते हैं। इस मद्देनजर सरकार की तरफ से सभी गांवों में बिजली पहुंचाई जा रही है। इससे गांवों में दिवाली जैसा माहौल है। जैसा कि हम सब जानते हैं कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख में इन दिनों विकास अपने चरम पर है।

इस क्रम में लद्दाख के एक गांव में 70 साल बाद बिजली आई। इससे गांव वालों को लालटेन से मुक्ति मिली है। खबरों की मानें तो आजादी के बाद पहली बार लद्दाख के फोटोकसर गांव में बिजली आई है। इस मौके पर लोगों ने एक दूसरे को बधाई दी और खुशियां मनाई।

यह गांव लद्दाख के दो महत्वपूर्ण ऊंचाई वाले स्थानों के बीच स्थित है। इस गांव में 70 साल बाद बाद रोशनी जगमगाई है। लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद, लेह (लद्दाख ऑटोनोमस हिल डवलपमेंट काउन्सिल, लेह) (LAHDC) के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी पार्षद (सीईसी) ने एनएचपीसी पावर ग्रिड लाइन का उद्घाटन किया। सरकार के इस कदम से लोगों में खुशी की लहर है। जबकि सरकार के इस पहल से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। इससे पहले इस क्षेत्र में विकास का पहिया बिजली न होने की वजह से धीमी थी, लेकिन अब बिजली आने से लद्दाख के इन क्षेत्रों में चौतरफा विकास की संभावना बढ़ गई है।

कहां स्थित है फोटोकसर गांव

फोटोकसर गांव लेह एयरपोर्ट से 165 किलोमीटर दूर स्थित है।  यह सिसिर-ला दर्रा (15,620 फीट) से थोड़ा आगे स्थित है। हालाँकि, सिसिर-ला दर्रा केवल ग्रीष्मकाल में वाहनों के आवागमन के लिए खुला रहता है। खबर यह भी है कि केंद्र सरकार की तरफ से भविष्य में लेह और लद्दाख के कई अन्य गांवों में बिजली पहुंचाई जाएगी

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