उपराज्यपाल ने किए तीन अफसरों के तबादले, केजरीवाल ने SC का खटखटाया दरवाजा
नई दिल्ली । केजरीवाल सरकार और उपराज्यपाल की ‘दिल्ली का बॉस कौन’ की जंग के बीच एलजी अनिल बैजल ने तीन आइएएस अधिकारियों का तबादला कर दिया है। तबादले का ये आदेश सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के कुछ दिन बाद आया है जिसमें दिल्ली के उपराज्यपाल का अधिकार क्षेत्र भूमि, पुलिस और कानून व्यवस्था तक सीमित किया गया है।
केजरीवाल सरकार ने उपराज्यपाल के इस कदम की आलोचना की है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने कहा कि उपराज्यपाल ने मनमाने ढंग से सेवा विभाग अपने पास रखा हुआ है। उन्हें शिक्षा निदेशक की नियुक्ति से पहले एक बार हमसे (दिल्ली सरकार) सलाह कर लेनी चाहिए थी। सिसौदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार अपने बजट का 26 फीसद हिस्सा शिक्षा पर खर्च कर रही है और हमसे इस मामले पर (तबादले) एक बार भी चर्चा नहीं की गई।
यहां अटका है पेंच
संविधानपीठ के फैसले के बाद वैसे तो दिल्ली की आप सरकार को कई मामलों में निर्णय लेने की छूट मिल गई है लेकिन ट्रांसफर पोस्टिंग आदि से जुड़े सर्विस मैटर फिलहाल लटके हैं, क्योंकि पब्लिक आर्डर, पुलिस और भूमि के अलावा सर्विस मामलों का क्षेत्राधिकार भी उपराज्यपाल को देने वाली केन्द्र सरकार की 21 मई 2015 की अधिसूचना को चुनौती देने की आप सरकार की अपील अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इसी तरह भ्रष्टाचार निरोधक शाखा में दिल्ली सरकार के अधिकारों में कटौती करने वाली केन्द्र की 23 जुलाई 2015 की अधिसूचना को चुनौती देने वाली अपील भी लंबित है।