क्या यह बजट इस बार किसानों पर केंद्रित रहेगा, इसका जवाब तो 1 फरवरी को मिलेगा जब वित्त मंत्री अरुण जेटली बजट प्रस्तावों को संसद के समक्ष रखेंगे। लेकिन उससे पहले केंद्र सरकार के तीन साल के कार्यकाल में पूरी तरह से बेहाल हो चुके किसानों को आसरा है कि इस बार का बजट उनके पक्ष में होगा।

पिछले तीन सालों में केंद्र सरकार ने लगातार किसानों को दी जा रही सब्सिडी में कटौती की है। वहीं किसानों को भी उनकी फसल का उचित मुआवजा नहीं मिल रहा है।
लगातार कम हो रही है सब्सिडी
2014-15 में जहां सरकार किसानों को 15.52 फीसदी सब्सिडी दे रही थी, वो अब घटकर 2017-18 में 11.2 फीसदी पर आ गया। ऐसे में लगातार कम हो रही है सब्सिडी से किसानों की कमर टूट रही है।
वहीं पिछले साल जुलाई में लागू हुए जीएसटी से भी किसानों के लिए कोढ़ में खाज वाली स्थिति पैदा हो गई है। कृषि उपकरणों पर जीएसटी स्लैब अत्य़ाधिक होने से खेती करना भी महंगा हो गया है।
किसान लगातार कर रहे हैं आंदोलन
किसान लागत बढ़ने की वजह से लगातार आंदोलन कर रहे हैं। गुजरात चुनावों में भी भाजपा को ग्रामीण इलाकों से वोट नहीं मिला था। इसी तरह मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भी किसान केंद्र की नीतियों से खुश नहीं हैं। इन तीनों राज्यों में इस साल चुनाव होने हैं।
जेटली बढ़ा सकते हैं किसान लोन की सीमा
कृषि क्षेत्र में ऋण बढ़ाने के लिए आगामी आम बजट में कृषि ऋण का लक्ष्य एक लाख करोड़ रुपये बढ़ाकर रिकॉर्ड 11 लाख करोड़ रुपये किया जा सकता है। यह बात सूत्रों ने कही है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष के लिए कृषि ऋण का लक्ष्य 10 लाख करोड़ रुपये है। इसमें से पहली छमाही में यानी सितंबर 2017 तक 6.25 लाख करोड़ रुपये के ऋण जारी किए जा चुके हैं।
चालू वित्त वर्ष के लिए लक्ष्य 10 लाख करोड़ रुपये है
सूत्रों ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता कृषि है। यह संभावना है कि कृषि क्षेत्र के लिए ऋण का लक्ष्य अगले वित्त वर्ष्र के लिए बढ़ाकर 11 लाख करोड़ रुपये कर दिया जाए। कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए ऋण एक आवश्यक इनपुट है। संस्थागत ऋण किसानों को गैर-संस्थागत कर्ज स्रोतों के चंगुल से बचाने में मदद करेगा, जहां ब्याज दर काफी ऊंचा होता है।
कृषि ऋण पर प्रभावी ब्याज दर 4 फीसदी
आम तौर पर कृषि ऋण पर नौ फीसदी ब्याज लगता है। लेकिन कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने के मकसद से सस्ती दर पर लघु अवधि के लिए कृषि ऋण उपलब्ध कराने को सरकार ब्याज पर छूट देती रही है। सरकार किसानों को दो फीसदी ब्याज छूट देती है, ताकि किसानों को तीन लाख रुपये तक का लघु-अवधि ऋण सालाना सात फीसदी की प्रभावी दर पर मिले।
लोगों को हैं ये उम्मीदें
उद्यमी अमर चंद जैन ने बताया कि पशु चालित वाहन में लगने वाले रिम एवं धुरे व टायर पर जीएसटी डेटा पर राहत मिलेगी, इसके लिए वे आस लगाए बैठे हैं। व्यापारी एसपी जैन का कहना है कि कपड़े पर जीएसटी कम होने की उन्हे उम्मीद हैं और वे बजट आने की इंतजार में हैं कि उन्हें राहत मिलेगी या नहीं। किसान तेजपाल सिंह ने कहा खाद, बीज और ट्रैक्टर से जीएसटी टैक्स कम होने की उम्मीद है, लेकिन बजट आने पर ही जानकारी मिल सकेगी।