कुवैत के सिंगर ने हिन्दी में सुनाया बापू का प्रिय भजन तो सुषमा स्वराज बजाने लगीं तालियां

नई दिल्ली: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज विदेश दौरे पर हैं. अपनी दो दिवसीय सफल कतर यात्रा के बाद मंगलवार को वह कुवैत पहुंचीं जहां उनका शानदार स्वागत किया गया. भारतीय समुदाय के लोगों से मिलने पहुंची सुषमा कुवैत के सिंगर से हिन्दी में संगीत सुनकर बहुत खुश हुईं. सिंगर का नाम मुबारक अल राशिद है. उन्होंने इस कार्यक्रम में महात्मा गांधी के प्रिय भजन ‘वैष्णव जन तो…’ गाकर सुनाया. राशिद का गाया यह भजन सुषमा स्वराज को इतना पसंद आया है कि वह भी भजन गुनगुनाने और ताली बजाने लगीं. भजन खत्म होने के बाद सुषमा अपनी सीट से उठकर उन्हें दाद देती हैं. मुबारक अल राशिद का कहना है कि आज के इवेंट में मुझे आमंत्रित करने के लिए मैं भारतीय दूतावास का आभारी हूं. मुझे गर्व है कि मैंने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के सामने महात्मा गांधी के फेवरेट भजन को गाया.

सुषमा ने सोमवार को कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी से मुलाकात की और दोनों देशों के शीर्ष नेताओं द्वारा तय रोडमैप पर आगे बढ़ने के तौर-तरीकों पर चर्चा की. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का ‘लैंड ऑफ पर्ल्स’ कुवैत में भव्य स्वागत किया गया. अगले दो दिन द्विपक्षीय बैठकों और गतिविधियों की व्यस्तता रहेगी.’ यह सुषमा स्वराज की पहली कुवैत यात्रा है.

दोहा दौरे में सुषमा ने अपने समकक्ष एच ई शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी से प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की. विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों पर विस्तार से चर्चा की और विदेश मंत्रालय तथा विदेश मंत्री के स्तर पर संयुक्त आयोग के गठन की घोषणा की, जो विभिन्न सहयोग पहल पर प्रगति की समय-समय पर समीक्षा करेगा.

भारत और कतर ने अपने रिश्तों को मजबूती देने और सभी द्विपक्षीय मामलों के साथ-साथ आपसी हितों से जुड़े क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों की नियमित समीक्षा के लिए सोमवार को एक संयुक्त आयोग के गठन का फैसला किया. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी के साथ मुलाकात के बाद इस बाबत निर्णय किया गया. यह स्वराज की पहली दोहा यात्रा है. दोनों नेताओं की बातचीत के बाद जारी संयुक्त घोषणापत्र में कहा गया है कि दोनों पक्षों ने संयुक्त आयोग के गठन का निर्णय किया है. दोनों देशों के विदेश मंत्री या उनके प्रतिनिधि संयुक्त आयोग की सह-अध्यक्षता करेंगे. संयुक्त आयोग दोनों देशों के बीच रिश्तों को मजबूती देने की दिशा में काम करेगा.

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