जानिए आंखों के फड़कने की ये बड़ी वजह, आखिर क्यों फड़कती आंखें

आंखों का फड़कने को अक्सर अंधविश्वास से जोड़ा जाता है. ज्यादातर लोग इसे अशुभ मानते हैं लेकिन क्या वास्तव में ऐसा होता है? दरअसल आंखों का फड़कना सेहत से जुड़ा हुआ है. शरीर के किसी भी हिस्से में मांसपेशियों का फड़कना आम बात है. जब मांसपेशियों में संकुचन होता है तो वो फड़कने लगती हैं. 

हमारी मांसपेशियां उन फाइबर्स से बनी होती हैं जिन्हें तंत्रिकाएं नियंत्रित करती हैं. तंत्रिकाओं को नुकसान पहुंचने पर मांसपेशियां फड़कने लगती हैं. ज्यादातर मामलों में मांसपेशियों का फड़कना कोई चिंता का कारण नहीं है लेकिन कभी-कभी ये गंभीर भी हो सकता है और ऐसी स्थिति में आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिए.

आंखों का फड़कना क्या है- आंखों की मांसपेशियां जब अकड़ जाती हैं तो वो फड़कने लगती हैं. ये ऐंठन या खिंचाव ऊपरी और नीचे की दोनों पलकों में हो सकता है. कुछ लोगों में ये बहुत सामान्य होता है लेकिन कुछ लोगों की आंखें इतनी जोर-जोर से फड़कने लगती हैं कि उन्हें दिखाई देना बंद हो जाता है. ऐसी स्थिति को ब्लेफेरोस्पाज्म कहते हैं. 

आंखों का फड़कना कुछ सेकेंड से लेकर एक या दो मिनट तक रह सकता है. ये कई दिनों तक भी रह सकता है और हो सकता है कि फिर आपको कई महीनों तक इसका अनुभव ना हो. आंखों के फड़कने में किसी तरह का दर्द नहीं होता है और ये खुद से ठीक हो जाता है लेकिन कुछ मामलों में ये किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकते हैं.

क्यों फड़कती हैं आंखें- कभी-कभी आंखें बेवजह भी फड़क सकती हैं लेकिन कभी-कभी इनकी कई वजहें हो सकती हैं. जैसे कि आंखों में खुजली होना, आंखों पर दबाव पड़ना, थकान, नींद पूरी ना होना, शारीरिक दबाव, तनाव, किसी दवा का साइड इफेक्ट, तंबाकू, कैफीन या शराब का ज्यादा सेवन. आंखों के ड्राई होने, पलकों में सूजन और कंजक्टीवाइटिस होने पर आंखों का फड़कना ज्यादा तकलीफ देता है.

आंखों के फड़कने से क्या हो सकता है- अगर आपको अक्सर ही आंखों के फड़कने की दिक्कत रहती है तो इसकी वजह से आपकी नजर कमजोर हो सकती है और आपको देखने में दिक्कत हो सकती है. 

कुछ असामान्य मामलों मे ये ब्रेन और न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर से जुड़ी बीमारियों का संकेत हो सकता है. इन मामलों में आंखों का फड़कना कुछ और लक्षणों के साथ सामने आ सकता है. इसके अलावा ये फेशियल पाल्सी से भी जुड़ा हो सकता है. फेशियल पाल्सी में चेहरे के एक तरफ लकवा हो जाता है. आंखों के फड़कने की वजह डिस्टोनिया, सर्वाइकल डिस्टोनिया, मल्टीपल स्केलेरोसिस, पार्किंसन डिजीज और टॉरेट सिंड्रोम जैसी नर्वस सिस्टम से जुड़ी बीमारियां भी हो सकती हैं. 

डॉक्टर को कब दिखाएं- आंखों का फड़कना कोई गंभीर स्थिति नहीं है और आमतौर पर सिर्फ इसकी वजह से डॉक्टर के पास जाने की जरूरत नहीं पड़ती है लेकिन आपको कुछ स्थितियों में डॉक्टर को दिखाना चाहिए. जैसे- आपकी आंखें जोर-जोर से फड़क रही हैं और लाल हो रही हैं, सूजन या पानी गिरने की शिकायत है, ऊपरी पलक लटकने लगी है, आंखों के फड़कने पर आंखें पूरी तरह बंद हो जा रही हैं और आंखों के फड़कने का असर चेहरे के अन्य हिस्सों पर भी पड़ रहा है और ये समस्याएं आपको लंबे वक्त से हो रही हैं तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

आंखों के फड़कने का कैसे करें इलाज- आम तौर पर आंखों का फड़कना अपने आप ही ठीक हो जाता है लेकिन अगर ये फिर भी ठीक नहीं होता है तो आपको अपनी लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करना चाहिए.

कैफीन का कम सेवन करें, पूरी नींद लें, आंखों के फड़कने पर गर्म कपड़े से सिंकाई करें, तनाव ना लें, सिगरेट, शराब और तंबाकू का सेवन ना करें. गंभीर मामलों में इसे आंखों की मांसपेशियों की सर्जरी करके ठीक किया जाता है.

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