जानें ब्रह्म मुहूर्त में उठनें के अलौकिक फायदे, इस समय देवता पृथ्वी पर करते हैं ​विचरण

हिन्दू धर्म में लोग प्रत्येक छोटे-बड़े कार्य को करने पे पहले पंडित जी को बुलवाकर शुभ मुहूर्त निकलवाते हैं। माना कि किसी भी कार्य को किसी भी समय किया जा सकता है लेकिन प्रत्येक काम का एक शुभ समय होता है।

हिन्दू धर्म में लोग प्रत्येक छोटे-बड़े कार्य को करने पे पहले पंडित जी को बुलवाकर शुभ मुहूर्त निकलवाते हैं। माना कि किसी भी कार्य को किसी भी समय किया जा सकता है लेकिन प्रत्येक काम का एक शुभ समय होता है। अगर उसी काम को शुभ मुहूर्त में किया जाए तो उस कार्य को करने से आपको निश्चित सफलता मिलती है। और आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है। इसी शुभ समय को मुहूर्त कहा जाता है। और यही कारण है कि शुभ मुहूर्त पर काम करने से काम आसानी से बन जाता है। लेकिन जब समय शुभ नहीं हो तो इंसान चाहे कितने ही हाथ-पैर मार लें अड़चनें आती ही रहती हैं। और अकसर काम बिगड़ जाता है। ज्योतिषियों का कहना है कि हर 24 घंटों में से हर 48वें मिनट में मुहूर्त बदलता है। और इस हिसाब से एक दिन में कुल 30 मुहूर्त होते हैं। इन्हीं तीस मुहूर्तों में से एक मुहूर्त है ब्रह्म मुहूर्त।

ब्रह्म मुहूर्त आध्यात्मिक, शारीरिक और मानसिक सभी प्रकार से महत्वपूर्ण होता है। यह वह समय है जब देवता पृथ्वी लोक में विचरण करते हैं। और वायु एकदम स्वच्छ और लाभदायक होती है। यह वह शुभ समय होता है जब मंदिरों के पट खोल दिए जाते हैं। और पूजा आरंभ की जाती है। तो आइए आप भी जाने ब्रह्म मुहूर्त के बारे में जरुरी बातें।

ब्रह्म मुहूर्त का समय

शास्त्रों के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त रात्रि के अंतिम प्रहर का तीसरा भाग यानि की सूर्योदय से लभगग डेढ़ घंटे पहले का समय होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सुबह 04:15 से सुबह 05:15 तक का समय ब्रह्म मुहूर्त होता है।

ब्रह्म मुहूर्त का महत्व

ब्रह्म मुहूर्त के चमत्कारी फायदों के बारे में सिर्फ शास्त्रों में ही नहीं बल्कि विज्ञान और आयुर्वेद में भी बहुत विस्तार से बताया गया है।

धार्मिक महत्व

वाल्मिकी द्वारा रचित रामायण के अनुसार रावण की लंका में अशोक वाटिका में हनुमान जी ब्रह्म मुहूर्त में ही पहुंचते थे। और उन्होंने सीता माता द्वारा किए जा रहे मंत्रों की आवाज सुनीं और वे सीता जी से मिले थे। ब्रह्म मुहूर्त में पहुंचने से उनका काम आसान हो गया था।

ऋग्वेद में लिखा हुआ है कि ‘प्रातारत्नं प्रातरिष्वा दधाति तं चिकित्वा प्रतिगृनिधत्तो।

तेन प्रजां वर्धयुमान आय यस्पोषेण सचेत सुवीर:।।’

अर्थात सूर्योदय होने से पहले उठने से इंसान स्वस्थ रहता है। और कोई भी बुद्धिमान इंसान इस समय को सोकर व्यर्थ नहीं करेगा। इस समय उठने वाले लोग हमेशा सुखी, ऊर्जावान बने रहते हैं। और उनकी आयु लंबी होती है।

शास्त्रों में भी कहा गया है कि ‘ वर्णं कीर्तिं गतिं लक्ष्मी स्वास्थ्यमायुश्च विदन्ति।

ब्राह्मे मुहूर्ते संजाग्रच्छि वा पंकज यथा।।’

अर्थात ब्रहम मुहूर्त में जागने से व्यक्ति को अच्छा रुप, धन, दौलत, अच्छा स्वास्थ्य और लंबी आयु की प्राप्ति होती है। इस समय उठने से शरीर कमल के फूल के समान सुन्दर हो जाता है।

सामवेद में भी इसका उल्लेख मिलता है।

यद्य सूर उदितो नागा मित्रो र्यमा।

सुवाति सविता भग:।।

अर्थात व्यक्ति को सूर्योदय से पहले ही शौच और स्नान आदि करके भगवान की भक्ति करनी चाहिए।

इस समय की अमृत तुल्य हवा से स्वास्थ्य और लक्ष्मी दोनों में वृद्धि होती है। इस तरह हिन्दू धर्म के ग्रंथों में ब्रह्म मुहूर्त का महत्व बहुत बार बताया गया है।

सिख धर्म में इसे अमृत बेला कहा गया है। अनेक महान पुरुषों ने ब्रह्म मुहूर्त के महत्व पर जोर दिया है।

वैज्ञानिक महत्व

ब्रह्म मुहूर्त के बारे में विज्ञान भी अभी तक की सभी बातों पर पुष्टि करता है। और अपनी सहमति जताता है। वैज्ञानिक शोध के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त के दौरान वातावरण में प्रदूषण नहीं होता है। और इस दौरान वायुमंडल में ऑक्सीजन की मात्रा सबसे अधिक होती है। और शुद्ध हवा में सांस लेने से फेफड़े स्वस्थ रहते हैं। और आपके दिमाग को ऊर्जा मिलती है। इस समय जागने से मन और तन दोनों स्वस्थ रहते हैं। और व्यक्ति को लंबी आयु की प्राप्ति होती है। ब्रहम मुहूर्त में जागने के कई और भी फायदे हैं। जैसे इससे आपकी ऊर्जा का लेवल बढ़ता है। पाचन तंत्र मजबूत होता है। रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। खून में पीएच की वैल्यु संतुलित रहती है।

दर्द-खिंचाव और शरीर के दुखने से छुटकारा मिलता है। शरीर में मिनरल्स और विटामिन्स के उपयोग और भी बेहतर होते हैं। और आयुर्वेद में भी ब्रह्म मुहूर्त में उठने से इन सब फायदों की सहमति मिलती है। लेकिन ब्रह्म मुहूर्त ईश्वर भक्ति, ध्यान, प्रार्थना और अध्ययन के लिए सबसे अनुकूल समय माना जाता है। और इस समय को इन अच्छे कामों के लिए उपयोग करना चाहिए। ब्रह्म मुहूर्त के दौरान धार्मिक श्लोकों का उच्चारण जरुर करना चाहिए। कुछ ऐसी भी बातें है जो इस दौरान करना निषेध माना जाता है। और उन्हें करने से कई नकारात्मक भाव पड़ते हैं। इस समय बुरा ना सोचें। किसी को भी बुरा-भला ना कहें। और ब्रह्म मुहूर्त की बेला में संभोग ना करें। अगर आप पूजा अथवा किसी प्रकार के मंत्रों का जाप करते हैं तो उन्हें मन में अथवा बहुत धीमी आवाज में करें। क्योंकि ब्रहम मुहूर्त में वातावरण की शांति को भंग नहीं करना चाहिए। इसलिए अगर आपको अपने जीवन में कुछ पाना है और यथाशीघ्र पाना है तो आप ब्रह्म मुहूर्त में उठना शुरु कर दें। कुछ ही दिनों में आपका जीवन, आपकी जिन्दगी आपको अच्छी लगने लगेगी। आप अपने आप में बहुत खुश महसूस करेंगे।

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