जानिए इस रहस्यमय साधु की कहानी, जिसने भगवान शिव की ले डाली परीक्षा

अक्सर कई बार हम ऐसी खबरे सुनते, देखते व् पढ़ते रहते है जिनपर यक़ीन कर पाना थोड़ा मुश्किल होजाता है और समझ में ये नहीं आता कोई नार्मल इंसान ऐसा कैसे कर सकता है? कई खबरे तो ऐसी होती है जिन्हे पढ़ने के बाद दिमाग घूम सा जाता है ठीक वैसे ही आज एक खबर हम आपको बताने जा रहे है जिसे सुनने के बाद आप शायद ही उस खबर पर यक़ीन कर पाए लेकिन वह शत प्रतिशत सही है।आज हम बात कर रहे है एक ऐसे साधु की जिसने पुरे बीस साल से न कुछ खाया है और न ही पीया है जी हाँ एक ऐसा साधू जो 20 वर्षो से शिव जी की तपस्या कर रहा है।अधिकतर लोग इसे काल्पनिक कहानियां कहानियां समझते है लेकिन बता दे एक व्यक्ति जो छतीसगढ़ के निवासी, और छत्तीसगढ़ राज्य के ‘रायगढ़’ जिला मुख्यालय में फरवरी 16, 1998 से तपस्या में लीन हुए है इन बाबा का नाम सत्यनारायण है जिनको इस हठ योग को करते हुए कुल 20 वर्ष बीत चुके हैं |आइये जानिए पूरा मामला।

किया कुछ ऐसा कारनामा दंग है घरवाले समेत गांववाले…

बता दे ये साधु चाहे गर्मी हो या सर्दी तन में सिर्फ एक ही कपड़ा पहने कर रहा है तपस्या है।चाहे तेज तूफ़ान आये या भारी बरसात आपको इन बाबा के दर्शन अवश्य होंगे।ये हमेशा अपने स्थान पर विराजमान ही मिलेंगे आपको।

बचपन में स्कूल जगह निकल गए थे रायगढ़…

 

जब बचपन में माँ-बाप स्कूल इन्हे परीक्षा के लिए भेजते थे वह से अपना रास्ता बदलकर रायगढ़ की और चल देते थे बता दे वह अपने वे अपने गांव से 19 किमी दूर तथा रायगढ़ से सट कर स्थित कोसमनारा पैदल ही जा पहुचे। उसके बाद इन्होने एक पत्थर से शिवलिंग बना डाला बस तभी से शुरू हुए इनके तपस्या करने के दिन।

अपने शरीर के इस अंग को किया शिव जी को अर्पित…

 

जी हाँ अपने शरीर के अंग यानी जीभ को काटकर उन्होंने शिव जी को अर्पित कर दिया कुछ दिनों तक तो गांव वालो को नहीं पता चला लेकिन जैसे ही उन्हें इस चीज़ की जानकारी हुई तो सबने इन्हे चमत्कारी बाबा का नाम दिया और दर्शन करने के लिए उमड़ पड़े।बाबा सत्य नारायण के नाम से है मशहूर..शुरू-शुरू में तो बाबा की खूब निगरानी हुई लेकिन बाद जब वह अपनी तपस्या में लीन हुए तो वे आज तक अपने स्थान से नहीं उठे आज वह कोसमनारा में हर हाल में आपको उपलब्ध मिलेंगे और वह आज भी आपको बिना सिर पर छांव के कठोर तपस्या करते ही नजर आएंगे।

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