जानिए- फेसबुक के खिलाफ किन-किन देशों में चल रही है क्या जांच?

फेसबुक प्रोफाइल बनाना आज एक सामान्य बात है. फेसबुक का दावा है कि वह सोशल कनेक्टिविटी में पूरी दुनिया की मदद कर रहा है और उसका प्लेटफॉर्म पूरी तरह फ्री है. हालांकि इन सोशल नेटवर्क का अपना रेवेन्यू मॉडल है और वह खुद भी मानता है कि उसका अपना बिजनेस इंटरेस्ट है और वह दुनियाभर में हो रहे बिजनेस को भी मदद कर रहा है.

लेकिन किसी अन्य मल्टीनेशनल कंपनी की तरह फेसबुक के पास भी ऐसा बहुत कुछ है जिसका वह न तो खुलासा करना चाहता है और न ही वह दुनिया की किसी सरकार के दबाव में काम करने के लिए तैयार है. यह फेसबुक की इसी नीति का नतीजा है कि आज अमेरिका, इंग्लैंड, यूरोपीय यूनियन, कनाडा, सिंगापुर समेत कई देशों में फेसबुक के खिलाफ जांच चल रही है. और इसकी के चलते वह चीन, उत्तर कोरिया, ईरान जैसे देशों में आपने नेटवर्क का विस्तार नहीं कर पा रही है.

अमेरिका: फेडरल ट्रेड कमीशन ने फेसबुक के खिलाफ गंभीर जांच शुरू की है जिसमें जानकारों का मानना है कि उसे एक बड़ा जुर्माना अदा करना पड़ सकता है. अमेरिका में यह जांच 2011 में बने एक नियम के उल्लंघन के मामले में है. इस साल अमेरिका में फेसबुक के लिए अनिवार्य हुआ कि वह अपने यूजर्स की इजाजत लिए बिना उनके निजी डेटा का इस्तेमाल सिर्फ उन्हीं कामों के लिए करेगा जिसकी स्वीकृति उसने यूजर से ली है. गौरतलब है कि इस मामले में गलत पाए जाने पर फेसबुक को प्रति यूजर उल्लंघन के लिए लगभग 25 लाख रुपये तक का जुर्माना अदा करना पड़ सकता है.

अमेरिकी की कई संसदीय समितियों ने फेसबुक को कैम्ब्रिज एनेलिटिका मामले में अपना पक्ष रखने के लिए तलब किया है. बीते दिनों में फेसबुक के कई बड़े स्तर के कर्मचारी इन समितियों के सामने पेश हो चुके हैं. अभी अमेरिकी मीडिया में दावा किया जा रहा है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए फेसबुक के प्रमुख मार्क जकरबर्ग को भी संसदीय समिति के सामने पेश होना पड़ सकता है. इसके अलावा अमेरिकी संसद के कई नामी-गिरामी सांसदों ने स्वतंत्र तौर पर भी फेसबुक के प्रमुख मार्क जकरबर्ग को चिट्ठी लिखकर यूजर प्राइवेसी उल्लंघन और ट्रेड नियमों के उल्लंघन पर सवाल पूछे हैं.

इंग्लैंड: इंग्लैंड की सूचना आयुक्त एलिजाबेथ डेमहाम बीते कुछ महीनों से इंग्लैंड में फेसबुक यूजर की निजी सूचना का राजनीतिक इस्तेमाल को लेकर जांच शुरू की है. इस जांच में फेसबुक और कैम्ब्रिज एनालिटिका के खिलाफ जांच की जा रही है. गौरतलब है कि इंग्लैंड का सूचना आयुक्त कार्यालय अदालत से कैम्ब्रिज एनालिटिका के डेटा सर्वर की सघन जांच करने के लिए वॉरेंट जारी कराने की कोशिश कर रही है. अदालत से इजाजत मिलने पर कैम्ब्रिज एनालिटिका के सर्वर का पासवर्ड सूचना आयुक्त की जांच टीम से साझा किया जा सकता है.

इसके अलावा इंग्लैंड की संसद में हाउस ऑफ कॉमन्स की डिजिटल, कल्चर, मीडिया और स्पोर्ट्स समिति ने मार्क जकरबर्ग को तलब करते हुए फेसबुक द्वारा डेटा लीक किए जाने को बेहद आपत्तिजनक प्रक्रिया कहा है. यह समिति चाहती है कि जकरबर्ग उसके सामने पेश होकर तथ्यों को रखें और इस बात की गांरटी दें कि यूजर के डेटा का गलत इस्तेमाल कैसे रोका जा सकता है.

यूरोपियन यूनियन (ईयू): यूरोपीय संसद के प्रेसिडेंट अंटोनियो तजानी ने ट्वीट करते हुए जानकारी दी है कि संसद फेसबुक द्वारा यूजर्स के डेटा का गलत इस्तेमाल किए जाने की जांच करगी और सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म के खिलाफ कड़ी कारवाई करेगी.

कनाडा: कनाडा में निजता आयोग (प्राइवेसी वॉचडॉग) के प्रमुख डेनियल थेरियन ने कहा है कि आयोग फेसबुक के खिलाफ जांच कर रही है. थेरियन के मुताबिक इस जांच में यह देखा जा रहा है कि क्या फेसबुक ने कनाडा के निजता कानून का उल्लंघन किया है? इसके अलावा कनाडा में लोकतांत्रिक संस्थाओं के मंत्री स्कॉट ब्रीसन ने दावा किया है कि उन्होंने देश के खुफिया तंत्र को भी फेसबुक के खिलाफ जांच करने के निर्देश दिए हैं.

सिंगापुर: सिंगापुर में संसद की सेलेक्ट समिति ने फेसबुक समेत गूगल और ट्विटर को फेक न्यूज के मामले में तलब किया है. इस मामले में कैम्ब्रिज एनालिटिका द्वारा संभावित उल्लंघन के मामले की भी जांच हो रही है. गौरतलब है कि बीते हफ्ते फेसबुक के साउथ ईस्ट एशिया पब्लिक पॉलिसी प्रमुख साइमन मिलनर को तलब किया था. इस दौरान जब मिलनर ने समिति के सवालों की सीधा जवाब देने से बचने की कोशिश की तब समिति के प्रमुख के शानमुगम ने फेसबुक के अधिकारी को जमकर खरीखोटी सुनाई. समिति में फेसबुक के अधिकारी से यह जानना चाहा था कि कैसे कैम्ब्रिज एनालिटिका को फेसबुक यूजर का डेटा प्राप्त हुआ.

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