KL राहुल बने ऋषभ पंत के लिए खतरा, दस्ताने हाथ में आते ही हुए और भी खतरनाक

केएल राहुल के पास विकेटकीपिंग की जिम्मेदारी आने के बाद उनका बेहतरीन प्रदर्शन देखने को मिला है. दस्ताने हाथ में आते ही केएल राहुल की बल्लेबाजी में भी बेहतरीन बदलाव देखने को मिला है. विकेटकीपिंग की जिम्मेदारी केएल राहुल के इंटरनेशनल करियर का पॉइंट साबित हो सकती है. ठीक उसी तरह जब रोहित शर्मा को मिडिल ऑर्डर से ओपनिंग की जिम्मेदारी दी गई थी.

कप्तान विराट कोहली भी कह चुके हैं कि केएल राहुल टीम में विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में बने रहेंगे. कोहली ने कहा कि वह टीम में वैसा ही संतुलन बनाए रखते हैं, जैसे 2003 के वर्ल्ड कप में राहुल द्रविड़ ने कर दिखाया था.

राहुल ने न्यूजीलैंड के खिलाफ ऑकलैंड में खेले गए पहले टी-20 मैच में बेहतरीन विकेटकीपिंग जारी रखी. साथ ही बल्लेबाजी में भी धमाका करते हुए राहुल ने 27 गेंदों पर 56 रनों की तेज पारी खेली, जिसमें 4 चौके और 3 छक्के शामिल थे.

यह भी पढ़ें: Ind vs Nz: T20I क्रिकेट इतिहास में पहली बार बना ऐसा वर्ल्ड रिकॉर्ड

राहुल ने अपने शानदार प्रदर्शन की बदौलत पहले टी-20 मैच में टीम इंडिया को न्यूजीलैंड पर जीत दिलाने की नींव रखी. न्यूजीलैंड दौरे से पहले केएल राहुल ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आखिरी दो वनडे मैचों में शानदार विकेटकीपिंग और बल्लेबाजी का प्रदर्शन किया.

टीम इंडिया में केएल राहुल को विकेटकीपर बल्लेबाज के तौर पर रखने का फॉर्मूला सफल होने के बाद ऋषभ पंत के लिए वापसी की राह और भी मुश्किल हो गई है.

ऋषभ पंत को टीम मैनेजमेंट ने लगातार मौके दिए, लेकिन पंत ने विकेटकीपिंग और बैटिंग में बेहद खराब प्रदर्शन किया. केएल राहुल को विकेटकीपर बल्लेबाज के तौर पर प्लेइंग इलेवन में शामिल करने से टीम इंडिया को बहुत संतुलन मिला है.

केएल राहुल के खेलने से टीम इंडिया एक एक्स्ट्रा बल्लेबाज, गेंदबाज और ऑलराउंडर को भी प्लेइंग इलेवन में शामिल कर सकती है.  न्यूजीलैंड के खिलाफ ऑकलैंड में खेले गए पहले टी-20 मैच के बाद राहुल ने कहा, ‘ईमानदारी से कहूं तो मैं इस नई भूमिका का लुत्फ ले रहा हूं. इंटरनेशनल स्तर पर यहा बिल्कुल नया सा प्रतीत होता है और ऐसा लगता है कि मैंने कभी कीपिंग नहीं की लेकिन ऐसा नहीं है. मैंने अपनी आईपीएल टीम के लिए तीन-चार साल कीपिंग की है और साथ ही मैंने फर्स्ट क्लास टीम के लिए भी ओपनिंग के साथ-साथ कीपिंग भी की है. कीपिंग के साथ मैं हमेशा टच में रहा हूं.’

राहुल ने कहा, ‘विकेट के पीछे रहने से यह आइडिया लग जाता है कि विकेट कैसा खेल रही है. मैं अपने गेंदबाजों को यह संदेश दे सकता हूं और कप्तान की फील्ड सेटिंग में मदद कर सकता हूं. एक कीपर के तौर पर मेरी जिम्मेदारी सजग रहने की है और अपने कप्तान को यह भी संदेश देना होता है कि किस बल्लेबाज के लिए कौन सी लेंग्थ अच्छी रहेगी. विकेट के पीछे रहने से यह अतिरिक्त जिम्मेदारी आती है और इससे बल्लेबाजी में भी फायदा होता है.’

 

Back to top button