अटल जी के लिए देश रखता था सबसे ज्यादा मायने, इसलिए अपहरण सुन खाना छोड़ लखनऊ एयरपोर्ट की तरफ भागे
लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी के जीवन का हर किस्सा एक किताब है जिसे जितना पढ़ा जाए, आगे पढऩे की इच्छा कम नहीं होती। पूर्व मंत्री लालजी टंडन की ओर से एक किताब में उनके जीवन के कुछ लम्हों का जिक्र किया गया जो उनकी जीने की कला को दर्शाता है।
बात उस समय कि है कि जब अटल जी लखनऊ के सांसद बन चुके थे। अयोध्या में श्रीराम मंदिर बनाने का मुद्दा अपने चरम पर था। पूर्व मंत्री लालजी टंडन के साथ वह देर रात राज्य अतिथि गृह पहुंचे थे। उन्होंने टंडन जी से कहा कि भूख बहुत लगी है, खाने में क्या है? तुरंत खाना लगाया गया और फिर दोनों ने पहला निवाला तोड़ा ही था कि लखनऊ के तत्कालीन जिलाधिकारी कमरे में घुसे और बोले सर आपको तुरंत एयरपोर्ट चलना पड़ेगा। एक युवक ने 200 यात्रियों के साथ विमान का अपहरण कर लिया है। लालजी टंडन के साथ अटल जी तुरंत एयरपोर्ट के लिए निकल पड़े। एक पल गवाए बिना वह एयरपोर्ट के टावर पर चढ़ गए।
लालजी टंडन जी ने युवक को आवाज दी अटल जी आ गए हैं लेकिन, युवक यही कहता रहा कि अटल जी नहीं हैं। लालजी टंडन के मुताबिक पूरे एयरपोर्ट की लाइट बंद कर दी गई और उन्हें सुरक्षा के चलते हवाई जहाज से दूर रखा गया। जिलाधिकारी के साथ लालजी टंडन और राज्यपाल के सलाहकार जहाज के अंदर चढ़े और दरवाजे पर ही खड़े युवक से बात की। लालजी टंडन ने अटल जी को बुलाने की बात कही तो युवक राजी हो गया। अटल जी आए और जैसे ही युवक उनके चरण छूने के लिए झुका कि उसे सुरक्षाकर्मियों ने दबोच लिया। अटल जी के सामने युवक ने बताया कि श्रीराम मंदिर बनवाने के लिए एक युवक क्या कर सकता है, यही बताने के लिए मैं सुतली का गोला लेकर आया था। किसी की हत्या करना मेरा मकसद नहीं था।
विमान के यात्रियों से की मुलाकात
अटल जी ने घटनाक्रम के बाद विमान में सवार सभी यात्रियों से शिष्टाचार मुलाकात की। विमान में वरिष्ठ कांग्रेस नेता सीताराम केसरी समेत कई मंत्री और नेता भी मौजूद थे। सभी अपनी जान को लेकर परेशान थे। सीताराम केसरी तो टोपी से मुंह छिपाए कुर्सी पर दोनों पैर किए भयभीत मुद्रा में बैठे थे। लालजी टंडन ने कहा कि केसरी जी, अटल जी आपकी कुशलता के लिए आए हैं। सीताराम जी खड़े हुए और बोले हम तो समझ गए थे कि बच नहीं पाएंगे लेकिन, अटल जी के आने की बात सुनकर यह विश्वास था कि वह जरूर आएंगे।