जस्टिस कुरियन बोले- न्यायपालिका और न्याय के हित में कदम उठाया
सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठतम जजों द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस करने का अभूतपूर्व कदम उठाने के एक दिन बाद जस्टिस जोसेफ ने कहा है कि, ‘उन्होंने न्यायपालिका और न्याय के हित में यह कदम उठाया।’
उन्होंने इन बातों को खारिज कर दिया कि उन्होंने अनुशासन का उल्लंघन किया है और उम्मीद जताई कि उनके कदम से सुप्रीम कोर्ट के प्रबंधन में अधिक पारदर्शिता आएगी।
जस्टिस जोसेफ कलडी में अपने पैतृक घर में थे। जब स्थानीय न्यूज चैनलों ने शुक्रवार के घटनाक्रम पर उनसे प्रतिक्रिया लेने के लिए संपर्क किया तो उन्होंने मलयालम में कहा कि, ‘न्याय और न्यायपालिका के लिए खड़े हुए… यही हमने (नई दिल्ली में) कल कहा था। इससे अलग कुछ भी नहीं।’
उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘एक मुद्दे पर सबका ध्यान केंद्रित हुआ है। चूंकि इस पर ध्यान गया है तो निश्चित रूप से इसका हल निकलेगा।’ जस्टिस जोसेफ ने कहा कि न्यायाधीशों ने ‘न्यायपालिका में लोगों का विश्वास बढ़ाने के लिए ही यह कदम उठाया।’
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के बाद वरिष्ठतम न्यायाधीश जस्टिस जे. चेलामेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस जोसेफ कुरियन ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सुप्रीम कोर्ट प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था कि, ‘जब तक इस संस्थान को बचाया नहीं जाएगा, इस देश में लोकतंत्र नहीं बच पाएगा।’
चीफ जस्टिस के बाद वरिष्ठतम जज जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा था कि, ‘हम नहीं चाहते कि हम पर कोई सवाल उठाए और न्यायपालिका की निष्ठा पर सवाल उठे। हमने कई बार गड़बड़ियों को लेकर चीफ जस्टिस से शिकायत की लेकिन उनका कोई जवाब नहीं आया।’