शनि अमावस्या आज के दिन भूल से भी न करे ये काम, वरना घर-नौकरी सब हो जायेगा बर्बाद

आज शनि अमावस्या के दिन भूल से भी न करे ये काम ,वरना घर-नौकरी सब बर्बाद हो जायेगा. Ankita 50 mins ago अध्यात्म Comments Off on आज शनि अमावस्या के दिन भूल से भी न करे ये काम ,वरना घर-नौकरी सब बर्बाद हो जायेगा 

शनि अमावस्या आज के दिन भूल से भी न करे ये काम, वरना घर-नौकरी सब हो जायेगा बर्बादज्योतिष शास्त्र के अनुसार जीवन के समस्त संकटों का समाधान पाने के लिए शनिश्चरी अमावस्या का दिन विशेष महत्व रखता है। 17 मई 2018 को शनि अमावस्या है। बता दें कि जब सूर्य और चंद्रमां किसी भी एक राशि में दस्तक देते हैं और अगर उस दिन शनिवार होता है तो वह शनि अमावस्या कहलाती है।चैत्र मास में शनिवार को शुभ योग में शनिश्चरी अमावस्या का योग 14 साल बाद बन रहा है।

इससे पहले चैत्र मास में शनैश्चरी अमावस्या का योग 20 मार्च 2004 को बना था। आगे यह योग 7 साल बाद 29 मार्च 2025 को बनेगा

शनि की साढ़े साती का प्रभाव भी किया जा सकता है कम
ये भी माना जाता है कि अगर किसी भी व्यक्ति के ऊपर शनि की साढ़ेसाती या फिर ढैय्या चल रही हो तो इस दिन कुछ उपाय करने से उनका प्रभाव भी कम हो जाता है. इसके अलावा इस दिन शनिदेव के पूजन से उन्हें खुश करके मनचाहा फल भी प्राप्त किया जा सकता है.

शनि अमावस्या के शुभ योग पर साढ़ेसाती और ढय्या वाले लोगों के लिए उपाय –

काली गाय को बूंदी के लड्डू खिलाएं।
शनिदेव को तिल के तेल का दीपक लगाएं।
नदी में नहाएं।
शनि मंदिर में जाकर तेल का दान करें।
काली उड़द और लोहे का दान भी दे सकते हैं।
सरसों के तेल का दान करें।
अंधविद्यालय, अनाथालय या वृद्धाश्रम में दान करें।
उड़द की दाल के पकौड़े, काले गुलाबजामुन एवं इमरती कुत्तों और कौओं को खिलाएं।
अपने वजन के बराबर कच्चा कोयला शनिवार को बहाएं।

अन्य लोगों के लिए खास उपाय –
सुबह जल्‍दी उठें और सूर्योदय के समय सूर्य को जल चढ़ाएं ।

पीपल के पेड़ की पूजा करें।

सूर्योदय के समय पीपल को जल चढ़ाएं और उसकी सात परिक्रमा करें।

शिवलिंग पर तांबे के लोटे से जल और बेल पत्र चढ़ाएं ।

गरीब को घर में बैठाकर खाना खिलाएं।

हनुमानजी की मूर्ति के सामने बैठकर तेल का दीपक लगाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें ।

मछलियों को आटे की गोलियां खिलाएं।

जीवन की बाधाओं को दूर करने के लिए क्या करें?

एक कटोरी में सरसों का तेल ले लें उसमे बाएं हाथ की मध्यमा अंगुली डालकर शनि मंत्र का जाप करें मंत्र होगा – “ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः” सरसों के तेल को पीपल के वृक्ष के नीच रख दें

सुबह का पूजन
शनि अमावस्या के दिन सूर्योदय से पहले उठकर शनिदेव का ध्यान करें। इसके बाद जल पात्र में गुड़ और तिल डालकर उसे पीपल के वृक्ष को अर्पित करें और सरसों के तेल में दिया जलाएं. इसके बाद अपनी मनोकामना को मन में ध्यान करते हुए पीपल के वृक्ष की 7 बार परिक्रमा करें.

विशेष पूजन विधि
ऐसा माना जाता है कि शनि अमावस्या के दिन विशेष पूजन, स्नान, उपाय व उपवास से पितृगण को तृ्प्ति मिलती है, साथ ही शनि दोष से मुक्ति की भी मान्यता है. इस दिन विशेष पूजन का विधान है. ऐसे में घर की पश्चिम दिशा में काले कपड़े पर शनिदेव की मूर्ति या उनका चित्र स्थापित करें. शनिदेव की सच्चे मन से आराधना करते हुए सरसों के तेल का दीपक जलाएं. पीपल के पत्ते चढ़ाएं. शनिश्चरी अमावस्या के इस पूजन में तिल और काजल चढ़ाएं. इसके बाद उन्हें उड़द की खिचड़ी का भोग लगाएं. इसके साथ शं शनैश्चराय कर्मकृते नमः मंत्र का एक माला मंत्रोच्चार करें. इसके बाद बचे हुए भोग को काली गाय को दान करें|

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