अभी-अभी: PNB और OBC के बाद चौथा बैंक घोटाला आया सामने, सीबीआई ने दर्ज किया मामला

पीएनबी घोटाले के बाद, इस तरह के मामलों की शिकायतों में इजाफा देखने को मिला है। एक के बाद एक, कई बैंकों ने ऐसे कारोबारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज करानी शुरू कर दी है जो उन्हें चूना लगाकर फरार हो गए हैं। पंजाब नेशनल बैंक के बाद, बैंक ऑफ  बड़ौदा और ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स में धोखाधड़ी के मामले सामने आए थे। अब इस लिस्ट में बैंक ऑफ महाराष्ट्र का नाम भी शामिल हो गया है।

अभी-अभी: PNB और OBC के बाद चौथा बैंक घोटाला आया सामने, सीबीआई ने दर्ज किया मामलाबैंक ऑफ महाराष्ट्र ने दिल्ली के एक कारोबारी अमित सिंगला के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत के मुताबिक सिंगला की कंपनी ‘आशीर्वाद चेन’ ने बैंक से 9.5 करोड़ का लोन लिया था और अब चुका नहीं रहे हैं। बैंक की शिकायत पर सीबीआई ने कारोबारी के खिलाफ FIR दर्ज की है।

हाल ही में एक रिपोर्ट में सामने आया है कि देश में 9 हजार 339 कर्जदार ऐसे हैं, जिन्होंने 1 लाख 11 हजार करोड़ का लोन जानबूझकर नहीं चुकाया है। इन लोगों को विलफुल डिफॉल्टर्स की श्रेणी में रखा गया है। विलफुल डिफॉल्टर वह लोग होते हैं जो कर्ज चुकाने की स्थिति में होते हैं लेकिन निजी कारणों की वजह से वह लोन नहीं भरते। यह एक तरह से सिस्टम को चुनौती देने के बराबर है। साल 2013 में विल्फुल डिफॉल्टर्स खातों की रकम 25,410 करोड़ थी, पिछले 5 सालों में इसमें 340 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स में सामने आया 389 करोड़ का घोटाला
वहीं शुक्रवार को दिल्ली के एक हीरा निर्यातक के खिलाफ कर्ज धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। 389.85 करोड़ रुपये का यह कर्ज घोटाला ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स  (ओबीसी) में हुआ है। सीबीआई ने कथित धोखाधड़ी के इस मामले में द्वारका दास सेठ इंटरनेशनल प्रा. लिमिटेड के खिलाफ मामला दर्ज कराया है।

ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स की ओर से सीबीआई के समक्ष शिकायत दर्ज कराने के छह महीने बाद यह कार्रवाई हुई है। इसमें कंपनी, इसके डायरेक्टरों सभ्य सेठ, रीता सेठ, कृष्ण कुमार सिंह, रवि सिंह और एक अन्य कंपनी द्वारका दास सेठ एसईजेड इनकॉर्पोरेशन का नाम है। कंपनी ने ओबीसी से 2007 से 2012 के दौरान कुल 389 करोड़ रुपये का कर्ज लिया।

बैंक की ओर से कराई गई जांच में पाया गया कि कंपनी ने लेटर ऑफ क्रेडिट का इस्तेमाल सोने और दूसरे कीमती रत्नों की खरीद का भुगतान करने के लिए किया। कंपनी ने फर्जी लेनदेन का उपयोग कर सोने और धन को देश से बाहर भेजा। बैंक की शिकायत को सीबीआई की एफआईआर का हिस्सा बनाया गया है। कंपनी कुछ ऐसी कंपनियों के साथ भी लेनदेन कर रही थी, जो अस्तित्व में ही नहीं हैं।

 

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