जम्मू-कश्मीर में भविष्य में होने वाले विधानसभा चुनावों में लेगा भाग पीएजीडी: डा फारूक अब्दुल्ला

जम्मू-कश्मीर में भविष्य में होने वाले विधानसभा चुनावों में पीपुल्स एलांयस फार गुपकार डिक्लेरेशन (पीएजीडी) के चुनाव लड़ने को लेकर जारी अटकलों को शनिवार को नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष डा फारुक अब्दुल्ला ने दूर कर दिया। उन्होंने कहा कि जब भी चुनाव होंगे, हम लड़ेंगे। चुनावों से हम दूर नहीं भाग रहे। नेकां चुनाव लड़ेगी। उन्हाेंने यह स्पष्ट नहीं किया कि नेकां अकेले चुनाव लड़ेगी या पीएजीडी के बैनर तले सभी घटक दल अपना साझा उम्मीदवार मैदान में उतारेंगे। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और माकपा व अवामी नेशनल कांफ्रेंस भी पीएजीडी के प्रमुख घटकों में शामिल है।

पीएजीडी की बैठक के पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और माकपा नेता मोहम्मद युसूफ तारीगामी के मौजूदगी में पत्रकारों को संबोधित करते हुए डा फारुक अब्दुल्ला ने परिसीमन की प्रक्रिया का विरोध करते हुए कहा कि हम चुनाव लड़ेंगे। इसमें किसी को कोई शक नहीं होना चाहिए,लेकिन यहां परिसीमन के नाम पर जो ड्रामा चल रहा है, वह तकलीफ देता है। यह जम्मू-कश्मीर के लोगों को सशक्त बनाने के लिए नहीं बल्कि भाजपा को फायदा पहुंचने और अनुच्छेद 370 को हटाए जाने की असंवैधानिक प्रक्रिया को संवैधानिक बनाने की साजिश के लिए हो रहा है।

डा फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि भाजपा को उम्मीद है कि परिसीमन के बाद वह जम्मू-कश्मीर की विधानसभा में सबसे ज्यादा सीटों के आधार पर सरकार बनाएगी। वह चाहते हैं कि किसी तरह सरकार बने और 5 अगस्त 2019 के प्रस्ताव को विधानपसभा में पारित करें। वह इस प्रस्ताव को सर्वाेच्च न्यायालय में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के खिलाफ दायर हमारी याचिका के खिलाफ इस्तेमाल करेंगे और खुद को सही ठहराएंगे। परिसीमन संबंधी सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह सिर्फ भाजपा के एजेंडे के तहत हो रहा है। इसमें सभी निर्धारित नियमों की धज्जियां उड़ाई गई हैं। उन्होंने कहा कि तर्कहीन तरीके साथ विधानसभा क्षेत्रों को स्वरुप तय किया गया है।

उन्होंने जस्टिस (सेवानिवृत्त) हसनैन मसूदी की तरफ संकेत करते हुए कहा कि यह अनंतनाग से ही चुनाव जीतकर सांसद बने हैं, इनसे पूछिए कि राजौरी-पुंछ जाने में इन्हें कितना समय लगेगा, क्या राजौरी-पुंछ का अनंतनाग के साथ कोई संबंध है। परिसीमन की प्रक्रिया से जम्मू-कश्मीर में लोगों में राष्ट्रीय मुख्यधारा से विमुखता की भावना और बढ़ेगी। रूस-यूक्रेन में जारी युद्ध संबंधी सवाल के जवाब में डा फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि यह जंग खत्म होनी चाहिए नहीं तो पूरी दुनिया में तीसरा विश्वयुद्ध शुरु हो जाएगा, महंगाई बढ़ेगी, तेल की कीमतें आसमान को छूएंगी। जंग से आम लोगों का भला नहीं होता, हमें दुआ करनी चाहिए कि यह जंग समाप्त हो और पूरी दुनिया में अमन कायम हो। संयुक्त राष्ट मे रुस-यूक्रेन जंग के मुद्दे पर मतदान में भाग न लेने पर उन्होंने कहा कि यह मेरा विषय नहीं है। संयुक्त राष्ट्र में भारत का प्रतिनिधि ही इसका सही जवाब दे सकता है। 

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