राज्य में राज्यपाल शासन खत्म होने से पहले नई सरकार की संभावना कम नजर आ रही है। ऐसे में 19 दिसंबर के बाद यहां राष्ट्रपति शासन लग सकता है। राज्यपाल शासन की छह महीने की अवधि 19 दिसंबर को समाप्त हो रही है। राज्य के संविधान के अनुसार राज्यपाल शासन को बढ़ाने का कोई प्राविधान नहीं हैं। ऐसे में राज्यपाल शासन की अवधि समाप्त होने के बाद केंद्र सरकार राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर सकती है।
राष्ट्रपति शासन के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में राज्यपाल की रिपोर्ट पर विचार के बाद राष्ट्रपति को सिफारिश भेजना जरूरी है। यदि राष्ट्रपति शासन लगता है तो संसद से इसे पारित कराने की जरूरत नहीं होगी।
87 सदस्यीय विधानसभा में पीडीपी के 28, भाजपा के 25 तथा नेकां के 15 सदस्य हैं। हालांकि, किसी भी दल के पास सरकार बनाने का जरूरी आंकड़ा नहीं है। पिछले महीने राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने भी कहा था कि वे चाहते हैं कि राज्य में जल्द से जल्द चुनाव हों क्योंकि मौजूदा सदन में सरकार बनती नहीं दिख रही है। ज्ञात हो कि महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली सरकार से 19 जून को भाजपा के समर्थन वापस लेने से राज्य में राज्यपाल शासन लागू हो गया था।
सरकार गठन की भी हो रही है कोशिशें
मौजूदा निलंबित विधानसभा में पीडीपी के 28, भाजपा के 25 तथा नेकां के 15 सदस्य हैं। सूत्रों का कहना है कि घाटी में पीडीपी से नाराज विधायकों की ओर से भी सरकार गठन की कोशिशें की जा रही हैं। भाजपा की सहयोगी पीपुल्स कांफ्रेंस के प्रमुख तथा पूर्व मंत्री सज्जाद गनी लोन इसमें अहम भूमिका निभा रहे हैं। पीडीपी से नाराज धड़े के एमएलए तथा पूर्व मंत्री इमरान रजा अंसारी इनके साथ खुलेआम घूम रहे हैं। भाजपा के मंच पर भी साथ-साथ दिखे हैं।
छह नवंबर को श्रीनगर में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राममाधव की मौजूदगी में भी सरकार गठन पर बात होने की चर्चा है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि पंचायत चुनाव की समाप्ति के बाद यानी की 12 दिसंबर के बाद नई सरकार संभव है। उन्होंने दावा किया कि यदि ऐसी स्थिति बनती है तो बहुमत के लिए जरूरी 44 का आंकड़ा भी पार कर जाएगा। सभी दलों के लोग चाहते हैं कि विधानसभा भंग न होने पाए क्योंकि अभी लगभग ढाई साल का कार्यकाल बाकी है।
विधान परिषद की दो रिक्त सीटों पर भी जल्द चुनाव
विधान परिषद की नगर निकाय कोटे के तहत रिक्त दो सीटों पर भी जल्द चुनाव हो सकते हैं। माना जा रहा है कि सरकार इसके लिए जल्द ही अधिसूचना जारी कर सकती है। निकाय चुनाव न होने की वजह से जम्मू व कश्मीर संभाग की एक-एक सीटें खाली हैं। मौजूदा समय में भाजपा व पीडीपी के 11-11 तथा नेकां व कांग्रेस के 06-06 एमएलसी हैं। कुल 34 एमएलसी हैं।