J&K: बकरीद पर दिखे PAK-ISIS के झंडे, नमाज के बाद पुलिस पर पथराव

pak05_1443160731_144श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में शुक्रवार को पाकिस्तान और आईएसआईएस के झंडे नजर आए। यहां ईदगाह इलाके में बकरीद की नमाज के बाद भीड़ ने पुलिस और सिक्युरिटी फोर्सेस पर पथराव किया। इसके जवाब में पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। इस हिंसक प्रदर्शन में कई लोगों के घायल होने की खबर है। बताया जा रहा है कि भीड़ में शामिल कुछ लड़कों ने भारत विरोधी नारेबाजी भी की।
जम्मू-कश्मीर में 40 घंटे इंटरनेट बैन
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर सरकार ने बकरीद के मौके पर ऐसी घटनाओं की आशंका जताई थी। इसे लेकर कुछ अलगाववादी नेताओं को नरजबंद भी किया गया था। इसके अलावा, सोशल साइट पर बीफ बैन के विरोध में किसी अप्रिय घटना को रोकने के लिए राज्य में 25 सितंबर सुबह 5 बजे से 26 सितंबर रात 10 बजे तक सभी इंटरनेट सर्विस पर रोक लगाई गई। गुरुवार को सरकार की हाई लेवल मीटिंग के बाद कश्मीर के डीजीपी ने सभी इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स को यह आदेश जारी किया। बीजेपी-पीडीपी सरकार को आशंका है कि बकरीद के मौके पर इंटरनेट और सोशल मीडिया से बीफ बैन के विवाद को हवा मिल सकती है।
 
हर जुमे पर श्रीनगर में दिख रहे पाक-आईएसआईएस के झंडे
>17 जुलाई : शुक्रवार को श्रीनगर के नोहट्टा इलाके में एक मस्जिद में जुमे की नमाज के बाद विरोध भड़का। प्रदर्शनकारियों ने आईएसआईएस और लश्कर-ए-तैयबा के झंडे दिखाए।
 
>24 जुलाई : श्रीनगर की जामिया मस्जिद में नमाज के बाद कुछ लोग आईएसआईएस का झंडा लिए नजर आए। उन्होंने नकाब पहन रखा था।
 
>31 जुलाई : इसी मस्जिद के बाहर नमाज के बाद फिर आईएसआईएस और लश्कर-ए-तैयबा के झंडे दिखाए गए।
 
>7 अगस्त : श्रीनगर की जामिया मस्जिद इलाके में एक बार फिर इस्लामिक स्टेट और पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के झंडे भी नजर आए। जो झंडे दिखाए गए उन पर लिखा था, ‘IS JK जल्द आ रहा है’।
 
>14 अगस्त : पाकिस्तान की आजादी की सालगिरह पर जम्‍मू-कश्‍मीर के श्रीनगर में कई जगहों पर पाकिस्तानी झंडे लगे नजर आए। एक महिला अलगाववादी नेता दुख्तरान-ए-मिल्लत की चीफ आसिया अंद्राबी ने तो खुलेआम पाकिस्तानी झंडा लगा दिया और पार्टी वर्करों के बीच भाषण भी दिया। श्रीनगर में एक जगह आईएस का झंडा भी दिखा।
 
>21 अगस्त : श्रीनगर में आईएसआईएस के झंडों में बगदादी का फोटो भी नजर आया।
 
>28 अगस्त : श्रीनगर की मस्जिद के पास आईएसआईएस के झंडे दिखाए गए। लश्कर के झंडे भी दिखाए गए। प्रदर्शनकारियों ने इस बार झंडे पर ‘WE Are JKIS’ लिख रखा था।
 
>13 सितंबर: श्रीनगर के मैराथन में भारत विरोधी नारेबाजी की गई और पुलिस पर पथराव कर पाक के झंडे दिखाए गए।
 
>18 सितंबर: श्रीनगर में जुमे की नमाज के बाद भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया और पाकिस्तानी झंडे लहराए।
 
12 लड़कों का ग्रुप है इन घटनाओं के पीछे
पुलिस अफसरों के मुताबिक, आईएसआईएस और पाकिस्तान के झंडे लहराने के पीछे 12 लड़कों का ग्रुप है। इंटेलिजेंस इनपुट और सीसीटीवी कैमरों से मिले फुटेज और फोटो के आधार पर इस ग्रुप से जुड़े लोगों की पहचान कर ली गई है और इन पर लगातार निगाह रखी जा रही है। इंटेलिजेंस एजेंसियां इस बात की भी जांच कर रही हैं कि इस ग्रुप को फंडिंग कहां से हो रही है।
 
क्या कुर्बानी के जानवरों की खाल बेचकर हो रही है आतंकी फंडिंग?
न्यूज चैनल एबीपी की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मुंबई आतंकवादी हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद अपने संगठन जमात-उद-दावा और लश्कर-ए-तैयबा के लिए पैसा जुटा रहा है। इसके लिए वह बकरीद पर कुर्बानी के बाद मवेशियों की खालों को इकट्ठा करने के लिए बॉर्डर के करीब के गांवों में अपने आदमियों को तैनात कर चुका है। इन खालों को बेचकर मोटी रकम कमाई जाती है। एजेंसियों ने इस बारे में अलर्ट जारी किया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल जानवरों की खालों से 35 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम जुटाई गई थी।
 
बैन होने के बाद अपनाया दूसरा रास्ता?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हाफिज सईद के संगठन के खातों को सील किए जाने के बाद से वह दूसरे तरीकों से पैसे जुटाने में लगा हुआ है। हाफिज सईद के संगठन को पाकिस्तान सरकार ने वॉच लिस्ट में रखा हुआ है। माना जाता है कि किसी किस्म के लीगल एक्शन से बचने के लिए बैन किए गए जैश-ए-मोहम्मद, जमात-उद-दावा, तहरीक गलबा-ए-इस्लाम, हरकत-उल-मुजाहिदीन, अंसार-उल-उमाह जैसे संगठनों के फ्रंट ऑर्गनाइजेशन मवेशियों का चमड़ा बेचकर पैसे कमाते हैं। मसलन, जमात-उद-दावा का फ्रंट ऑर्गनाइजेशन फलाह-ए-इंसानियत इसी तरह से पैसे जुटाता है।
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