Jio यूजर्स के लिए बुरी खबर, जल्द ही बंद हो सकती है फ्री कालिंग

देश की दूसरे नंबर की टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन इंडिया ने मंगवार को दिल्ली हाई कोर्ट में आरोप लगाया कि भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) अपने तमाम नियमों के उल्लंघन को रोकने में असफल साबित हो रहा है। कल इस मामले में सुनवाई होने वाली है।

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वोडाफोन की दायर याचिका पर यह मामला दिल्ली हाई कोर्ट में न्यायमूर्ति संजीव सचदेव के समक्ष आया। न्यायमूर्ति ने अब इस मामले की सुनवाई की तारीख 1 फरवरी तय की है क्योंकि रिलायंस जियो को इस मामले में पक्ष नहीं बनाया गया है। 
रिलायंस जियो ने दिसंबर में वेलकम ऑफर की सीमा बढ़ा कर न्यू ईयर प्लान पेश किया था। जियो के इस कदम का अन्य टेलीकॉम कंपनियों ने तभी से इसका विरोध करना शुरू कर दिया था। इसी कारण से टेलीकॉम कंपनियों का आधा मार्केट अपने पास खींचने वाली जियो के लिए अब संकट के बादल आने शुरू हो गए हैं।
जियो के वेलकम ऑफर के बाद से ही सभी टेलीकॉम कंपनियों ने अपने ग्राहकों को अपने पास बनाये रखने के लिए कई आकर्षक ऑफर दिए थे। लेकिन वो सभी ऑफर जियो के फ्री कॉलिंग ऑफर के आगे फीके पड़ गए। 
ग्राहकों की जियो के प्रति बढ़ती दिलचस्पी से टेलीकॉम कंपनियां परेशान हैं। खबर आ रही है कि जियो को टक्कर देने के लिए आइडिया और वोडाफोन भी एक साथ टाई-अप कर सकते हैं, जिसकी आधिकारिक सूचना खुद वोडाफोन ने ही सबको दी है। इसी के खिलाफ वोडाफोन ने दिल्ली हाईकोर्ट में जियो के खिलाफ यह आरोप लगाया है कि भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) टैरिफ से जुड़े अपने नियमों का उल्लंघन होने से रोकने में विफल रहा है। 
वोडाफोन ने जिओ पर निशाना साधते हुए ट्राई पर आरोप लगाया है कि जियो का हैप्पी न्यू ईयर ऑफर, ट्राई के निर्देशों के खिलाफ है। वोडाफोन ने ट्राई के 2002 में आये निर्देश पर रोशनी डालते हुए कहा है कि ट्राई ने खुद कंपनियों को कहा था कि कोई भी प्रचार पेशकश 90 दिनों से अधिक नहीं चलाई जा सकती है।
वोडाफोन ने सोमवार को ही आइडिया के साथ आ रही विलय की खबरों की पुष्टि की है। वोडाफोन ने जियो पर कानूनी निशाना साधते हए यह साफ कर दिया है कि वो जियो को रास्ते से हटाना चाहता है। इसे वोडाफोन और आइडिया के विलय का पहला कदम भी माना जा सकता है।
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