जबलपुर के नर्मदा तट के सभी प्राचीन मंदिरों का बनेगा ट्रस्ट, निखरेगा स्वरूप

जबलपुर। नर्मदा तटों पर प्रसिद्ध मंदिरों के ट्रस्ट बनाने की कवायद तेज कर दी गई है। कलेक्टर महेशचंद्र चौधरी ने पहले चरण में ग्वारीघाट ट्रस्ट को बनाने का निर्णय लिया है। इससे पहले तिलवारा घाट ट्रस्ट तैयार करने से जुड़ी प्रक्रिया को पूरा किया जा रहा है। आने वाले दिनों में ग्वारीघाट से लेकर तिलवारा घाट के बीच वाले सभी पुरातन व प्राचीन घाट पर स्थित मंदिरों के ट्रस्ट बनाए जाने हैं। ट्रस्ट के बन जाने से क्षेत्रीय स्तर पर मंदिरों व तटों का विकास कार्य किया जा सकेगा। वहीं दान में मिलने वाली राशि की मॉनीटरिंग भी होने लगेगी।

ग्वारीघाट में राजनीति का पेंच-

ग्वारीघाट में ट्रस्ट बनाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, लेकिन ट्रस्ट बनाने का विरोध भी अंदरूनी स्तर पर किया जा रहा है। क्षेत्र में कई गुट बन चुके हैं, जो नहीं चाहते कि प्रशासन ट्रस्ट बनाए। क्योंकि ट्रस्ट बन जाने के बाद राजनीति करना मुश्किल हो जाएगा। बावजूद इसके आगामी कुछ हफ्तों में ट्रस्ट से जुड़ी आगे की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। तिलवारा घाट से लेकर ग्वारीघाट के बीच स्थित सभी प्रसिद्ध घाटों व उनके प्राचीन मंदिरों का सर्वे भी किया जाएगा। जिससे ट्रस्ट बनाने के लिए घाट व मंदिर का चयन किया जा सके।

यह होगा फायदा-

– ट्रस्ट में क्षेत्रीय लोगों को ही सदस्य व ट्रस्टी बनाया जाएगा।

– मंदिरों व तट पर व्यवस्था जमाने के साथ ही तटों का विकास कार्य जमा होने वाली राशि से होगा।

– नर्मदा तटों पर सेवा देने वाले कर्मचारियों की तैनाती की जा सकेगी।

– ट्रस्ट के जरिए ही कर्मचारियों को वेतन, भत्ते आदि का भुगतान किया जा सकेगा।

– प्रशासनिक अधिकारियों की मॉनीटरिंग में ट्रस्ट की संपत्तियों व उनकों मिलने वाली राशि की जांच हो सकेगी।

नर्मदा तटों पर स्थित प्रसिद्ध व प्राचीन मंदिरों के विकास कार्य व उनके संरक्षण के लिए सभी जगहों पर ट्रस्ट बनाने की कार्रवाई शुरू की गई है। ग्वारीघाट में भी ट्रस्ट की प्रक्रिया को पूरा किया जा रहा है। जिससे वहां का विकास कार्य बेहतर ढंग से किया जा सके।

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