जबलपुर में कोरोना के साढे़ तीन फीसद मरीजों को ही भर्ती करने की बन रही स्थिति, पढ़े पूरी खबर

कोरोना की तीसरी लहर का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। इस खतरे के बीच एक राहत भरी खबर भी है। कोरोना के साढे़ तीन फीसद मरीजों को ही भर्ती करने की स्थिति बन रही है। लिहाजा तमाम अस्पतालों के कोविड वार्ड खाली पड़े हैं। अस्पतालों में भर्ती ज्यादातर मरीजों को आक्सीजन की आवश्यकता नहीं पड़ रही। सरकारी व निजी अस्पतालों में कोरोना के 21 मरीज भर्ती होकर उपचार करवा रहे हैं। इनमें 13 मरीज मेडिकल कालेज अस्पताल में भर्ती हैं। मेडिकल में तीन को आक्सीजन पर रखा गया है। जिसमें एक हाई फ्लो आक्सीजन पर है। चिकित्सकों का कहना है कि वैक्सीन लगने की वजह से कोरोना की तीसरी लहर का जोखिम कम उठाना पड़ रहा है। परंतु लोगों की लापरवाही मुसीबत में डाल सकती है। तीसरी लहर में कोरोना से मौत की घटना सामने आ चुकी है।

नागरिकों की जागरुकता से टल सकता है खतरा: कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने कहा कि नागरिकों की जागरुकता से कोरोना की तीसरी लहर का खतरा टाला जा सकता है। तीसरी लहर में वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। परंतु इससे पहली व दूसरी लहर की तुलना में राहत मिली है। क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं डा. संजय मिश्रा ने कहा कि मास्क का उपयोग, शारीरिक दूरी का पालन कर कोरोना को हराया जा सकता है। सीएमएचओ डा. रत्नेश कुरारिया ने कहा कि लोग भीड़ में जाने से बचें। आगामी 40-50 दिनों तक लोगों को संक्रमण की रोकथाम के उपाय करने चाहिए।

यह है तैयारी: कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए अस्पतालों में तैयारियां की जा रही हैं। शासकीय अस्पतालों के कोविड वार्ड में 911 तथा निजी अस्पतालों में 294 आइसोलेशन बेड तैयार हैं। इसी प्रकार सरकारी में 708 तथा निजी अस्पतालों में 881 बेड, सरकारी में 691 तथा निजी में 459 आइसीयू व एचडीयू बेड आरक्षित किए गए हैं। सरकारी व निजी अस्पतालों में आक्सीजन की भरपूर व्यवस्था की जा चुकी है। ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों में आइसीयू का निर्माण कराया गया है।

ग्रामीण क्षेत्रों में 27 फीवर क्लीनिक: कोरोना संभावित लोगों का परीक्षण कर समय रहते जांच व उपचार में तेजी लाई जा रही है। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर कलेक्टर कर्मवीर शर्मा के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने शहर में 53 और ग्रामीण क्षेत्र में 27 फीवर क्लीनिक स्थापित किए हैं । सर्दी, खांसी, बुखार और सांस लेने में तकलीफ की समस्या पर लोगों को फीवर क्लीनिक जाने की सलाह दी जा रही है। जहां कोरोना की जांच व उपचार के प्रबंध किए गए हैं। फीवर क्लीनिकों में रोजाना हजारों सैंपल लिए जा रहे हैं।

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