… तो इसलिए लिखा गया था अभ्यर्थियों के सीने पर ‘एससी-एसटी’

मध्यप्रदेश में कॉन्सटेबल भर्ती के दौरान स्वास्थ्य परीक्षण के समय चयनित उम्मीदवारों के सीने पर ‘एससी-एसटी’ लिखा गया था। इसके बाद इस बात का विरोध किया जाने लगा। अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने मध्यप्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

हालांकि, धार के सीएमएचओ डॉ. आरसी पनिका ने दावा किया है कि ये अल्फाबेट अस्पताल के ही किसी अधिकारी ने लिखे हैं। उन्होंने प्राथमिक जांच के आधार पर ये बात बताई। लेकिन उन्हें यह नहीं पता कि अधिकारी ने ऐसा किसके कहने पर किया है।

सीएमएचओ ने आगे कहा कि इस मामले की जांच डॉ. केसी शुक्ला और डॉ. एस पटेल को सौंपी गई है। प्राथमिक जांच में खुलासा हुआ है कि दीपक नाम के अधिकारी ने ऐसा किया है। इसके अलावा सिविल सर्जन एसके खरे ने बताया कि एससी-एसटी कोई एक जाति ना होकर एक पूरा समूह है। उन्होंने कहा ये दिखाने का उद्देश्य जाति दिखाना नहीं बल्कि आरक्षित वर्ग दिखाना होगा। उन्होंने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है।

वहीं एसपी बीरेंद्र सिंह का कहना है कि मामले की जांच अभी चल रही है। प्रथम जांच में यह सामने आया है कि वहां मेडिकल चेकअप वाले अभ्यर्थियों की संख्या अधिक थी जिस कारण ऐसा किया गया होगा। उन्होंने कहा कि अभ्यर्थियों के सीने पर ऐसा कुछ लिखना ठीक नहीं है। मामले की जांच होने के बाद जो रिपोर्ट सामने आएगी उसी के आधार पर कुछ कहा जा सकता है। मामले पर जांच कार्य में जुटे डॉ. शुक्ला के मुताबिक अभी जांच चल रही है। सोमवार को अवकाश था इसलिए मंगलवार से जांच शुरू होगी। जांच के बाद ही कुछ कह सकते हैं।

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