बस जाने ही वाली थी इस बच्ची की जान कि हो गया करिश्मा, और जी उठी वो
लुधियाना के अस्पताल में 29 नवंबर को पल्लवी के पिता जय प्रकाश ने उसे पीडियाट्रिक्स कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ. नवदीप सिंह से चेक कराया था। टेस्ट के बाद पता चला कि बच्ची को टाकायासु बीमारी है। यह बीमारी लाखों में से किसी एक व्यक्ति को होती है। इसमें व्यक्ति के अपने सेल ही शरीर के खिलाफ काम करना शुरू कर देते हैं।
डॉ. नवदीप सिंह ने बताया आम तौर पर इतनी छोटी उम्र के बच्चों की मेन आर्टरी खोलने के लिए स्टेंट नहीं डाला जाता है। केवल बैलून से ही नाड़ी को खोला जाता है। पल्लवी की नाड़ी इतनी तंग हो चुकी थी कि जब एंजियोग्राफी के जरिए उसमें बैलून डालकर सही शेप में लाने की कोशिश की गई तो वह क्रेक हो गई। ऐसे में रिस्क और बढ़ गया।
ऑप्शन के तौर पर पहले ही स्टेंट की तैयारी भी की गई थी। इस कारण मेन नाड़ी में स्टेंट डालकर आर्टरी को सही शेप दी गई। 11 दिसंबर को हुए प्रोसीजर के कुछ दिनों बाद पल्लवी एकदम नॉर्मल हो गई। जय प्रकाश ने बताया कि वह प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं। उनके तीन बच्चे हैं। वह दशहरा मनाने के लिए अपने गांव गए थे, वहीं पल्लवी को यह समस्या होने लगी थी।
इतनी छोटी उम्र के बच्चे की इस तरह की सर्जरी अभी तक पंजाब में नहीं हुई थी। यह सर्जरी देश के कुछ सेंटरों पर ही होती है।
– डॉ. नवदीप, पीडियाट्रिक्स कॉर्डियोलॉजिस्ट