आईटी कंपनी विप्रो में इस दिन होने वाली है तिमाही नतीजों की घोषणा..

 आईटी कंपनी विप्रो 27 अप्रैल को अपने चौथी तिमाही के नतीजों को पेश कर सकती है। उम्मीद की जा रही है कि इसमें कंपनी को मुनाफा होने वाला है। वहीं इसी दिन कंपनी शेयरों के पुनर्खरीद की घोषणा भी कर सकती है।

आईटी कंपनी विप्रो (Wipro) अपने इक्विटी शेयरों की पुनर्खरीद (Buyback) पर जल्द विचार कर सकती है। इसके लिए कंपनी का निदेशक मंडल दो दिवसीय बैठक करने वाला है, जो मुख्य रूप से 26 और 27 अप्रैल, 2023 को हो सकती है। कहा जा रहा है कि इस बैठक में पुनर्खरीद के अलावा, वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही के नतीजों और अन्य प्रमुख घटनाक्रमों के बारे में भी निर्णय लिया जाएगा।

रविवार को अपनी नियामक फाइलिंग में विप्रो ने कहा, “कंपनी का निदेशक मंडल 26 -27 अप्रैल में होने वाली अपनी बैठक में कंपनी के इक्विटी शेयरों को वापस खरीदने के प्रस्ताव पर और आवश्यक प्रासंगिक मामलों पर विचार करेगा।”

Wipro के वित्तीय वर्ष 2023 के चौथी तिमाही के नतीजों को 27 अप्रैल को जारी किया जा रहा है। इसी दिन बायबैक की घोषणा भी की जाने वाली है। विशेषज्ञों का मानना है कि बाकी आईटी कंपनियों जैसे कि एचसीएल टेक, टीसीएस और इंफोसिस की तरह ही विप्रो के Q4 रिजल्ट में भी नेट प्रॉफिट और रिजर्व में बढ़त होने की उम्मीद है।

सोमवार को विप्रो के शेयरों का कारोबार बढ़त के साथ खुला। इसके शेयर ने 375 रुपये के साथ कारोबार की शुरुआत की, जबकि खबर लिखे जाने तक कंपनी के ये 5.30 अंक या 1.45% की बढ़त के साथ 373.40 पर कारोबार कर रहे थे।

27 अप्रैल को हो सकती Buyback की घोषणा

27 अप्रैल, 2023 को तिमाही आंकड़ों को पेश करने के साथ ही Wipro के शेयरों के बायबैक की घोषणा भी इसी दिन होगी। बता दें कि जनवरी 2021 के बाद यह पहला बायबैक होगा। विप्रो द्वारा किया गया अंतिम बायबैक 29 दिसंबर, 2020 से 11 जनवरी, 2021 के बीच करीब 9,500 करोड़ रुपये था। इस बायबैक के दौरान विप्रो ने 22,89,04,785 इक्विटी शेयरों का टेंडर प्राप्त किया था।

क्या होता है पुनर्खरीद

जब कंपनी द्वारा अपने स्वयं के शेयरों का पुनः अधिग्रहण किया जाता है और इसके द्वारा शेयरधारकों को पैसे लौठाये जाते हैं, तो इसे पुनर्खरीद (Buyback) कहा जाता है। आमतौर पर, बायबैक से नकदी के वितरण से इक्विटी पर वापसी करने की स्थिति में सुधार होने की उम्मीद होती है और लंबी अवधि में इक्विटी आधार में कमी से प्रति शेयर आय में सुधार होता है।

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