कुछ इस तरह IT विभाग आपकी हर चीज पर रख रहा है नजर, जानकर हो जाएगे हैरान…
फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया नेटवर्क का इस्तेमाल कुछ मामलों में महंगा पड़ सकता है। इन प्लेटफॉर्म पर दी गई जानकारियां मुसीबत में डाल सकती हैं। सोशल मीडिया पर यदि किसी ने विदेशी टूर, नई कार, नया मकान या शॉपिंग की तस्वीरें पोस्ट की हैं तो इसे पर इनकम टैक्स विभाग गंभीरता से ले सकता है और उसके आधार पर छापेमारी कर सकता है।
दरअसल सरकार ने टैक्स चोरी और अवैध कमाई पर नजर रखने के लिए 1 अप्रैल से “प्रोजेक्ट इनसाइट” लॉन्च किया है। इसके जरिए यह देखा जाएगा कि आपने इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) में जो आय घोषित की है, वह आपके खर्चों से मेल खाती है या नहीं।
इस प्रोजेक्ट का मकसद टैक्स चोरी करने वालों को पकड़ना और रिटर्न फाइल करने वालों की संख्या बढ़ाना है।इस प्रोजेक्ट में रिपोर्टिंग की जरूरत होगी, जिसके लिए एक रिपोर्टिंग पोर्टल शुरू किया गया है। इसकी रिपोर्टिंग अनुपालन प्रबंधन प्रणाली यह सुनिश्चित करेगी कि बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों जैसी थर्ड पार्टी संस्थाओं का अनुपालन समय पर और सटीक हो।
ऐसे काम करेगा प्रोजेक्ट
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प्रोजेक्ट इनसाइट के तहत एक टीम सोशल मीडिया पर दी गई जानकारी पर नजर रखेगी। डेटा माइनिंग और बिग डेटा एनालिटिक्स के जरिए यह पता लगाया जाएगा कि फेसबुक या इंस्टाग्राम पर खर्चों के बारे में दी गई जानकारी उस जानकारी से मेल खाती है या नहीं जो आयकर विभाग को दी गई है। यदि यह जानकारी मेल नहीं खाती है और विभाग को टैक्स चोरी या अवैध कमाई की आशंका होती है तो वह छापा मार सकती है।
कारगर पहल
यह प्रोजेक्ट करदातओं की समग्र प्रोफाइल बनाने के लिए डेवलप की गई है। एक 360 डिग्री का व्यू फंड फ्लो की निगरानी के लिए होगा, जो विभाग की क्षमता बढ़ाएगा। साथ ही हाई वैल्यू वाले ट्रांजैक्शन का ऑडिट ट्रेल प्रोवाइड करेगा, जिससे काले धन पर नियंत्रण रखने में मदद मिलेगी। यह न केवल टैक्स चोरी करने वालों की पहचान करेगा, बल्कि मौजूदा करदाताओं की जवाबदेही और प्रामाणिकता की जांच करेगा।