ये है हज यात्रा के पीछे का सबसे बड़ा रहस्य, जिसे नही जानती होगी पूरी दुनिया

अगर हम इस्लाम धर्म की बात करें तो हज यात्रा को इस्लाम धर्म के विभिन्न नियमों में से एक कहा जा सकता है। हज यात्रा को मुसलमान अपनी इबादत का माध्यम मानते हैं, यानि कि अल्लाह की मेहर पाने के लिए हज यात्रा बेहद जरूरी है। पूरी दुनिया से हज अदा करने के लिए मुसलमान मक्का में एकत्र होते हैं। मक्का यानि केंद्र। मक्का शहर दुनिया के मध्य में स्थापित है। यही कारण है कि चारों दिशाओं के मुसलमान हाजिर हूं, ऐ अल्लाह मैं हाजिर हूं, कहते हुए उसके दरबार में पहुंचते हैं।

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हज यात्रा से संबंधित कुछ रस्मोरिवाज़ भी बनाए गए हैं, जो हर एक हज यात्री को इस्लाम के इतिहास एवं उसके प्रति भावनात्मक रूप से जोड़ते हैं। कुछ रिवाज़ हमें श्रद्धा की गहराई समझा जाते हैं, तो कुछ हैरान करके छोड़ देते हैं। इन्हीं रिवाज़ों में से एक है हज यात्रा के दौरान शैतान को पत्थर से मारना। मुस्लिमों के सबसे बड़े तीर्थ स्थल सऊदी अरब के पास मक्का के करीब स्थित रमीजमारात में शैतान को पत्थर से मारने की रस्म आज भी चली आ रही है। ऐसा माना जाता है कि इस रस्म को अदा किए बिना प्रत्येक हज यात्री की यह यात्रा अधूरी है।

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