ईरान हैं दुनिया का अगला नॉर्थ कोरिया: अमेरिका

तीन दिवसीय भारत दौरे पर आई संयुक्त राष्ट्र में नियुक्त अमेरिकी राजदूत निक्की हेली ने ईरान को एक खतरा और अगला उत्तर कोरिया कहा है. निक्की हेली ने भारत को आगाह करते हुए एक बार फिर संबंधों पर सोचने के लिए कहा है. उन्होंने कहा, नई दिल्ली को इस बारे में फैसला करना चाहिए कि वह ईरान के साथ अपना कारोबार जारी रखना चाहता है या नहीं.

संयुक्त राष्ट्र में राजदूत नियुक्त किए जाने के बाद यहां की अपनी प्रथम यात्रा पर आई हेली ने एक संबोधन में ईरान को धर्म के नाम पर तानाशाही करने वाला एक देश बताया, जो अपने ही लोगों का उत्पीड़न करता है , आतंकवाद को आर्थिक मदद करता है और पश्चिम एशिया में टकराव को फैलाता है. एक सवाल के जवाब में निक्की ने कहा कि उन्होंने ईरान के साथ भारत के कारोबार के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चर्चा की है.

तो इस वजह से टली भारत-अमेरिका टू प्लस टू वार्ता

उन्होंने कहा, ‘हमने इस बारे में बात की है क्योंकि मेरे ख्याल से भारत भी ईरान के खतरे मान्यता देता है. हम हमेशा से इस बात पर जोर देते हैं कि हमें शांति और सुरक्षा को प्राथमिकता देनी होगी.’ उन्होंने कहा कि अमेरिका भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को अगले मुकाम पर ले जाना चाहता है. बाद में समाचार चैनल एनडीटीवी को दिए साक्षात्कार में भारतीय मूल की निक्की ने कहा कि भारत को ईरान के साथ अपने रिश्तों के बारे में फिर से सोचना चाहिए क्योंकि अमेरिका उन देशों पर पाबंदियां लगाने की तैयारी कर रहा है जो ईरान के साथ कारोबार करते हैं.

उन्होंने कहा, ‘मेरे ख्याल से एक दोस्त के तौर पर भारत को फैसला करना चाहिए कि क्या इस देश के साथ वे कारोबार करना चाहेंगे. हां मेरी प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत हुई है और यह रचनात्मक बातचीत थी.’ एक सवाल के जवाब में उन्होंने प्रवासियों के विवादित मुद्दे पर भी बात की. अमेरिका में अवैध तौर पर प्रवेश करने को लेकर भारतीयों समेत सैकड़ों अन्य विदेशियों को हिरासत में रखा गया है.

निक्की ने कहा कि अमेरिका प्रवासियों का देश है और आतंकवाद की चुनौतियों को देखते हुए अवैध प्रवासियों को आने की इजाजत नहीं दे सकता है. गौरतलब है कि 52 भारतीयों को अमेरिकी राज्य ओरेगन में हिरासत में रखा गया है. उनमें अधिकतर सिख है. वे प्रवासियों के एक बड़े समूह का हिस्सा है जो शरण लेने वहां गए थे. थिंक टैंक ऑब्जर्वर रिसर्च फांउडेशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में निक्की ने कहा कि भारत और अमेरिका स्वभाविक मित्र हैं. यह दोस्ती उनके साझा मूल्यों और हितों पर आधारित है.

उन्होंने कहा कि अमेरिका परमाणु आपूर्तिकता समूह (एनएसजी) में भारत के प्रवेश का पूरी तरह से समर्थन करता है. उन्होंने कहा कि हिंद – प्रशांत क्षेत्र में चीन भी एक अहम देश है लेकिन भारत के विपरीत, यह लोकतंत्र , कानून के शासन और मूलभूत स्वतंत्रताएं के लिए अमेरिका की प्रतिबद्धता साझा नहीं करता है. इसलिए यह चीन के साथ अमेरिका के रिश्तों को सीमित करेगा.

निक्की ने धार्मिक स्वतंत्रता पर जोर देते हुए कहा कि भारत और अमेरिका जैसे विविधता वाले देशों को ‘ सच्ची सहिष्णुता ’ से ही एकजुट रखा जा सकता है. निक्की ने कहा कि अमेरिका और भारत धार्मिक स्वतंत्रता को साझा करते हैं जो बहुत अहम है. वह चांदनी चौक स्थित गौरी शंकर मंदिर , गुरूद्वारा सीस गंज साहिब , सेंट्रल बैप्टिस्ट चर्च और जामा मस्जिद गई थीं.

 

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