IPL 2019: किंग्स इलेवन पंजाब के सह-मालिक ने किया ये घिनौना काम, दो वर्ष की हुई सजा

 IPL 2019 आइपीएल की टीम किंग्स इलेवन पंजाब के सह-मालिक नेस वाडिया को ड्रग रखने के आरोप में दो वर्ष की सजा सुनाई गई। वाडिया को ये सजा जापान के सपोरो जिले की कोर्ट ने सुनाई। ये सजा फिलहाल पांच वर्ष के लिए सस्पेंड रहेगी। अगर इस अवधि के दौरान वाडिया जापान में कोई और गैर-कानूनी काम करते हुए पकड़े जाते हैं तो उन्हें जेल भेज दिया जाएगा। खबरों की मानें तो वाडिया को 20 मार्च को दोषी पाया गया था और अदालत ने सुनवाई से पहले उन्होंने हिरासत में एक अज्ञात समय बिताई। उन्हें उत्तर जापान के द्वीप होकाइडू के न्यू चिटोस एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया था। वाडिया के पास 25 ग्राम कैनाबिस मिली थी और उन्होंने ये स्वीकार भी किया था कि निजी उपयोग के लिए उन्होंने ये अपने पास रखा था।

नेस वाडिया पर लगे इस तरह के आरोप और सजा सुनाए जाने के बाद इसका असर उनकी टीम किंग्स इलेवन पंजाब पर पड़ सकता है। आइपीएल के नियम के मुताबिक कोई टीम अधिकारी अगर कोई गलत काम करता है जिससे टीम, लीग, बीसीसीआइ या खेल की बेइज्जती हो तो उस परिस्थिति में टीम को निलंबित किया जा सकता है। इस नियम के मुताबिक बीसीसीआइ शायद पंजाब टीम को बैन करने पर बाध्य हो। हालांकि ये मामला पहले कमीशन के पास जांच के लिए जाएगा और इसके बाद इसे लोकपाल के पास भेजा जाएगा। इससे पहले चेन्नई टीम के साथ भी इस तरह की घटना घट चुकी है जब टीम के मालिक की वजह से इसे दो वर्ष के लिए बैन कर दिया गया था। बीसीसीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी की मानें तो अब पंजाब टीम की मुसीबतें बढ़ गई है। अब वाडिया मामाले पर शुक्रवार को मुंबई में होने वाली सीओए की बैठक में चर्चा की जाएगी कि इस पर क्या एक्शन लिया जाए। हालांकि ये बात साफ नहीं है कि पंजाब की टीम इस सीजन में ही बैन होगी या फिर उसपर इस सीजन के बाद कार्रवाई की जाएगी। 

बीसीसीआइ के एक पदाधिकारी का कहना है कि टीम मालिक के पास ड्रग था और इसके लिए उन्हें सजा भी मिली ऐसे में पंजाब की टीम निलंबित हो सकती है। अगर स्थिति ज्यादा खराब हुई तो उसे हटाया भी जा सकता है। इससे पहले लोढ़ा कमेटी ने चेन्नई की टीम को दो वर्ष के लिए बैन कर दिया था क्योंकि उसके मालिक सट्टेबाजी में लिप्त पाए गए थे। नेस वाडिया इससे पहले भी अपने गलत आचरण की वजह से चर्चा में रह चुके हैं। इससे पहले पंजाब की सह-मालकिन प्रिति जिंटा ने उन पर शोषण और धमकी देने का आरोप लगाया था। उनके खिलाफ FIR भी दर्ज की गई थी, लेकिन बाद में चार वर्ष के बाद बांबे हाई कोर्ट ने उस एफआईआर को खारिज कर दिया था। 

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