पार्सल बम ले जाने वाले की जानकारी देने वाले को मिलेगा 25 हजार का इनाम

रायपुर। ओडिशा के बलांगीर में शादी की पार्टी के दौरान पार्सल बम विस्फोट की वारदात को अंजाम देने के मामले में गिरफ्तार पाटनगढ़ के विकास ज्योति कॉलेज के प्रोफेसर पूंजीलाल मेहर ने जिस आटो रिक्शा चालक से विस्फोटक पार्सल को रायपुर के कोरियर सर्विस में बुक कराया था, उस ऑटो चालक की तलाश बलांगीर क्राइम ब्रांच ने तेज कर दी है।

ऑटो चालक इस हाईप्रोफाइल केस का मुख्य गवाह है लिहाजा पुलिस उसे बतौर सरकारी बनायेगी। इसी सिलसिले में बलांगीर अपराध शाखा के पुलिस महानिरीक्षक अरूण बोथरा शनिवार को रायपुर पहुंचे। उन्होंने ऑटो यूनियन के पदाधिकारियों से चर्चा कर केस के अहम गवाह चालक को ढूंढने में मदद की अपील की। देर शाम पुलिस कंट्रो रूम में उन्होंने एसपी क्राइम अजातशत्रु बहादुर सिंह की मौजूदगी में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि ऑटो चालक की जानकारी देने वाले को 25 हजार का ईनाम दिया जाएगा।

आईजी अपराध अरूण बोथरा ने बताया कि पाटनगढ़ पार्सल विस्फोट कांड पुलिस के लिए चुनौती थी। पहले कभी ओड़िशा में इस तरह की घटना नहीं हुई थी। पुलिस टीम ने चुनौती स्वीकार कर जांच की तो कांड के पीछे रंजिश की परते खुलती गई। रायपुर के फाफाडीह चौक के पास स्थित स्काई किंग कोरियर से बुक कराकर पाटनगढ़ भेजे गए पार्सल बम को खोलते ही धमाके में इंजीनियर सौम्य शेखर साहू, उसकी दादी समेत तीन लोगों की मौत हो गई थी। जांच के दौरान खुलासा हुआ कि यह साजिश पाटनागढ़ के ज्योति विकास कॉलेज में अंग्रेजी के प्रोफेसर पूंजीलाल मेहर ने रची थी। वह कॉलेज का प्राचार्य था, लेकिन पांच महीने पहले उसे हटाकर साथी प्रोफेसर संयुक्ता साहू को प्राचार्य बना दिया गया। इससे पूंजीलाल काफी नाराज था और संयुक्ता की हत्या करने के इरादे से इंटरनेट से सीखकर उसने घर में बैठकर बारूद और झालर में लगने वाले छोटे बल्व से तगड़ा बम तैयारकर उसे रायपुर से कोरियर कर पाटनगढ़ भेजा था जिसे खोलते ही विस्फोट हुआ और तीन लोगों की मौत हो गई।

तबियत ठीक नहीं बताकर चालक को भेजा था कुरियर बुक कराने

प्रो. पूंजीलाल ने पुलिस की नजरों से बचने कहीं पर भी मोबाइल का इस्तेमाल नहीं किया। घर पर मोबाइल छोड़कर ट्रेन से रायपुर पहुंचा और एक ऑटो चालक को एके सिन्हा के नाम से कोरियर सर्विस में पार्सल बुक करवाने यह कहकर भेजा कि उसकी तबियत ठीक नहीं है। दरअसल वह सीसीटीवी कैमरे या किसी के नजर में आने से बचने के लिए ऐसा किया था ताकि कोई उसे पहचान न पाए। कुरियर सर्विस में लगा सीसीटीवी कैमरा खराब था लिहाजा वहां रिक्शा चालक का फुटेज भी नहीं आया। ऑटो चालक कुरियर करने के बाद लौटा और पूंजीलाल उसी ऑटो से स्टेशन से ट्रेन में सवार होकर ओडिशा लौट गया, लेकिन पुलिस की जांच में इस षड्यंत्र की परतें एक-एक कर खुलती गई।

डेढ़ किलो बारूद से तैयार किया बम

आईजी अपराध ने बताया कि पूंजीलाल ने सात महीने की तैयारी के बाद आम पटाखे खरीदकर उसमें से डेढ़ किलो बारूद निकालकर घर में ही बैठकर इंटरनेट पर देखकर बम बनाया था। उसने पूरी सतर्कता बरतते हुए कोई क्लू नहीं छोड़ा था।

एसपी को भेजे पत्र से मिला क्लू

विस्फोट मामले में पुलिस ने वरिष्ठ प्रोफेसर संयुक्ता साहू से रंजिश रखने वाले सात-आठ लोगों को संदेह के घेरे में रखा। इससे प्रो.पूंजीलाल मेहर का नाम भी शामिल था। मेहर को शक हो गया था कि पुलिस उससे जरूर पूछताछ कर सकती है। लिहाजा पुलिस की जांच की दिशा को घुमाने उसने एसपी बलांगीर को डाक के माध्यम से एक पत्र भेजा। पत्र में उसने इस बात का जिक्र किया था कि पार्सल बुक कराने वाला एसके शर्मा नहीं बल्कि एसके सिन्हा है। इस पत्र से यह साफ हुआ कि पत्र भेजने वाले का विस्फोट से संबंध है। प्रो.मेहर को हिरासत में लेकर कई घंटों तक पूछताछ की गई तो वह टूटकर अपना गुनाह कबूल कर लिया।

आईजी ने कहा कि प्रो.मेहर ने जिस ऑटो चालक को पार्सल बुक कराने कोरियर कंपनी भेजा था, उसकी इसमें कोई संलिप्पता दिखाई नहीं देती क्योंकि हर कोई सवारी के कहने पर अमूमन मदद करता है। लिहाजा ऑटो चालक खुद पुलिस की मदद करने सामने आए। उसे इस केस में सरकारी गवाह बनाकर पूरी मदद की जाएगी।

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