ईरान से तेल आपूर्ति घटने पर भी भारत को नहीं होगी दिक्कत, तैयारियां पूरी

भारतीय तेल कंपनियों ने अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद ईरान से तेल आपूर्ति में होने वाली कमी से निपटने की तैयार कर ली है। एक सरकारी तेल शोधन कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को बताया कि घरेलू तेल कंपनियों ने सऊदी अरब और इराक से पहले ही पर्याप्त सौदे कर लिए हैं। भारत हर साल इराक से सबसे ज्यादा तेल आयात करता है, जबकि सऊदी इस मामले में दूसरे नंबर पर है। ईरान इस मामले में तीसरे पायदान पर है। 
भारत ने 2017-18 में ईरान से 2.26 करोड़ टन तेल खरीदा था, जबकि मौजूदा वित्त वर्ष में 2.50 करोड़ टन तेल के सौदे किए हैं। अधिकारी ने बताया कि सऊदी और इराक से तेल आपूर्ति के लिए जरूरी सौदे किए जा चुके हैं। ये कच्चा तेल पूरे साल में कभी भी मंगाया जा सकता है। 

भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक है और अपनी जरूरत का 80 फीसदी तेल आयात करता है। ईरान पर 4 नवंबर से अमेरिकी प्रतिबंध लागू हो जाएंगे। अमेरिका ने एलान किया है कि 4 नवंबर के बाद ईरान से तेल खरीदने वाले देशों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों के मुताबिक, अक्तूबर के अंत तक ईरान से तेल आपूर्ति में कोई परेशानी नहीं आएगी। इसके बाद सिर्फ पांच महीने के लिए तेल आपूर्ति के समझौते जोखिम में हैं। 

भारत जारी रखेगा ईरान से तेल खरीद

अधिकारी ने कहा कि अगर ईरान से तेल आपूर्ति पूरी तरह बंद कर दी जाए तब भी घरेलू कंपनियों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। हालांकि, भारत अपने पारंपरिक आपूर्तिकर्ता ईरान से तेल खरीदना जारी रखेगा। पिछले सप्ताह पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया था कि इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन और मंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल ईरान के साथ नवंबर के लिए 12.5 लाख टन कच्चे तेल का सौदा कर चुकी हैं। यह भी विचार किया जा रहा है कि ईरान को रुपये में भुगतान किया जाए।

हर साल किए जाते हैं अतिरिक्त तेल आपूर्ति सौदे
जोखिम वाले पांच महीनों के दौरान सऊदी और ईराक समेत अन्य आपूर्तिकर्ताओं से किए गए सौदे मंगाकर भरपाई की जा सकती है। अधिकारी ने बताया कि हर साल जब अनुबंधित आपूर्तिकर्ताओं से सौदे किए जाते हैं तो अतिरिक्त वैकल्पिक समझौते भी होते हैं। ये अतिरिक्त सौदे अचानक पैदा होने वाली दिक्कत से निपटने में मददगार होते हैं। इस तरह के सौदे पांच महीने के लिए ईरान से किए गए सौदे से कहीं ज्यादा हैं। 

Back to top button