बैहर सीट को लेकर कांग्रेस-भाजपा का चुनावी गणित बिगाड़ सकते हैं निर्दलीय

बैहर विधासनभा सीट पर पर लंबे समय तक कांग्रेस का एकाधिकार रहा है. 2003 और 2008 को छोड़ दिया जाए तो भारतीय जनता पार्टी यहां कांग्रेस को हरा पाने में नाकाम रही है. जाहिर है आने वाले चुनाव में भी यहां कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच ही सियासी घमासान होगा. कांग्रेस के सामने जहां चुनौती होगी कि वह अपने गढ़ में भगवा पार्टी को सेंध लगाने से रोके. वहीं भाजपा भरसक कोशिश करेगी कि वह जीत का रिकॉर्ड ठीक करे.

बैहर विधानसभा में करीब 60 फीसदी आदिवासी बैगा जनजाति के लोग रहते हैं. जाहिर है इसी वजह से यहां की सियासत भी इन्हीं आदिवासियो को केंद्र में रखकर होती आई है. अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित इस सीट पर कांग्रेस और भाजपा के बीच ही मुख्य मुकाबला रहा है. वर्तमान में आदिवासी समाज से आने वाले कांग्रेस नेता संजय उइके विधायक हैं.

बता दें कि बैहर विधानसभा सीट कांग्रेस का गढ़ रहा है, लेकिन 2003 और 2008 के चुनाव में भाजपा के भगत नेताम यहां से चुनाव जीते. हालांकि इस सीट पर कांग्रेस-भाजपा के अलावा गोंडवाना गणतंत्र पार्टी भी हर चुनाव में अपनी छाप छोड़ती आई है. बैहर में वही पार्टी सफल होती है जो आदिवासी मतदाता को साधने में सफलता हासिल करता है. अब जब चुनावी साल है तो टिकट की दावेदारी पक्की करने के लिए कई नेता अब जनता की भीड़ में नजर आने लगे हैं.

कांग्रेस की तरह से मौजूदा विधायक संजय उईके का लड़ना तय माना जा रहा है. वही भाजपा पूर्व विधायक भगत नेताम को फिर से टिकट दे सकती है. वहीं उनकी पत्नी और जिला पंचायत उपाध्यक्ष अनुपमा नेताम का नाम भी सामने आ रहा है. साथ ही तीसरे मोर्चे के रूप में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के अलावा कई निर्दलीय प्रत्याशी भी चुनावी मैदान में ताल ठोंकने को तैयार हैं. जो आने वाले चुनाव में कांग्रेस-भाजपा का चुनावी गणित बिगड़ सकते हैं.

विधानसभा का समीकरण

मध्य प्रदेश विधानसभा की 230 सीटों के लिए इसी साल नवंबर-दिसंबर में चुनाव होने हैं. 230 में से 35 अनुसूचित जाति जबकि 47 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं. 148 गैर-आरक्षित सीटें हैं. 2013 में हुए विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी 165 सीटों पर जीत हासिल कर सरकार बनाई थी जबकि कांग्रेस को 58 सीटों से संतोष करना पड़ा था. वहीं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने 4 जबकि 3 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी.

निर्वाचन आयोग के मुताबिक 2013 में मध्य प्रदेश में कुल 4,66,36,788 मतदाता थे जिनमंम महिला मतदाताओं की संख्या 22064402 और पुरुष मतदाताओं की संख्या 24571298 और अन्य वोटर्स 1088 थे. 2013 में 72.07 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था.

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