अरब सागर में बढ़ते ‘अक्रिय क्षेत्र’ ने जलवायु परिवर्तन को लेकर बढ़ाया डर

अबुधाबीः अरब सागर में स्कॉटलैंड के आकार के बराबर बढ़ते मृत क्षेत्र या अक्रिय क्षेत्र को लेकर वैज्ञानिकों ने चिंता जताते हुऐ कहा कि जलवायु परिवर्तन को इसका दोषी ठहराया जा सकता है।अबु धाबी में अपनी प्रयोगशाला में कंप्यूटर पर ओमान की खाड़ी के रंगीन मॉडल को देख रहे जौहेर लश्कर ने दिखाया कि कैसे तापमान , समुद्र तल और ऑक्सीजन घनत्व बदल रहा है। उनके मॉडल और नए शोधों का इस साल की शुरुआत में खुलासा हुआ था। इनमें चिंताजनक रूझान दिख रहे थे।अरब सागर में बढ़ते ‘अक्रिय क्षेत्र’ ने जलवायु परिवर्तन को लेकर बढ़ाया डर

संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी में एनवाईयू अबुधाबी में वरिष्ठ वैज्ञानिक लश्कर ने बताया कि मृत क्षेत्र या अक्रिय क्षेत्र समुद्र का वह इलाका होता है जहां ऑक्सीजन की कमी मछलियों के लिये जीवन मुश्किल बना देती है। अरब सागर में ऐसा ही एक क्षेत्र बन रहा है जो ‘‘ दुनिया में बेहद गंभीर ’’ है।  उन्होंने बताया , ‘‘ यह करीब 100 मीटर से शुरू हुआ था और अब यह 1500 मीटर के क्षेत्र में फैल चुका है , इसलिये लगभग एक पूरा ही क्षेत्र आक्सीजन से मुक्त हो चुका है। अक्रिय क्षेत्र प्राकृतिक रूप से होने वाली घटना है लेकिन यह घटना 1990 समय किये गए सर्वेक्षण से अब काफी बड़े क्षेत्र में फैल गई है।

ब्रिटेन की यूनिर्विसटी ऑफ इस्ट एंग्लिया और ओमान की सुल्तान कब्बूस यूनिर्विसटी के बीच सहयोग के बाद यह खोज तब संभव हुईजब रोबोटिक गोताखोरों या ‘ समुद्री ग्लाइडर्स ’ का इस्तेमाल किया गया। यह नई जानकारी 2015 से 2016 के बीच हुए अध्ययन की जारी हुई रिपोर्ट में सामने आई है। अप्रैल में जारी की गई इस रिपोर्ट में दिखाया गया है कि अरब सागर के अक्रिय क्षेत्र का आकार और दायरा बढ़ा है।  1996 में लिये गए माप से इतर अक्रिय क्षेत्र अब काफी बड़े दायरे में फैल चुका है। उस वक्त अदन और भारत के बीच समुद्र के बेहद सीमित दायरे में यह न्यूनतम स्तर पर था। मुख्य शोधकर्ता बेस्टीन क्वेस्टे ने बताया कि अब हर जगह न्यूनतम है और यह अब और नीचे नहीं जा सकता।
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