इस देश में जलती आग में कूदकर मनाया जाता है त्योहार, मान्यता है कि दूर होते है सारे दुख दर्द

दुनिया में अलग-अलग तरह के त्योहार मनाए जाते हैं। कुछ बेहद ही सादगी भरे होते हैं, तो कुछ बेहद ही अतरंगे और खतरनाक। ऐसा ही एक त्योहार बेलारूस में मनाया जाता है। इसे इवान कुपाला फेस्टिवल के नाम से जाना जाता है। 

सोमवार को बेलारूस की राजधानी मिन्स्क में कुपाला फेस्टिवल मनाया गया। इसे इवान कुपाला नाइट के नाम से भी जाना जाता है। लोगों ने इस दिन पारंपरिक परिधान पहना और इस त्योहार को मनाया। कुपाला नाइट में लोग जलती हुई आग के ऊपर से कूदे और नदी में स्नान किया। 
लोगों की मान्यता है कि ऐसा करने से उनके सभी दुख-दर्द दूर हो जाते हैं और वर्ष भर बीमारियों से बचे रहते हैं। इस त्योहार को बेलारूस के अलावा यूक्रेन, रूस और पोलैंड में भी मनाया जाता है। इवाना कुपाला बेहद ही प्राचीन त्योहार है। यह आज भी प्राचीन काल की तरह लोगों के बीच मशहूर है और अपने वास्तविक परंपराओं और संस्कार के लिए जाना जाता है। 

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कुपाला नाइट का मकसद लोगों को खुशियां देना
स्थानीय लोगों ने बताया कि कुपाला नाइट के लिए दो तिथियां हैं। पुराने तरीके के मुताबिक, इसे हर साल 6 या 7 जुलाई को मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि इस उत्सव का मकसद लोगों को खुशियां देना है। इस दिन लोग एक स्थान पर इकट्ठा होकर जश्न मनाते हैं। 

कुपाला नाइट की रात इन कामों से बचते हैं लोग
माना जाता है कि कुपाला नाइट की रात को कई तरह की शैतानी शक्तियां जाग जाती हैं। इनमें भूत, सांप, वेयरवूल्स इत्यादि शामिल हैं, इसलिए आप इस त्योहार की रात को नहीं सो सकते हैं। इसके अलावा, इस अवधि के दौरान कुछ भी देने, बेचने और उधार लेने का रिवाज नहीं है, अन्यथा परिवार गरीब हो सकता है।

कुपाला नाइट के तीन प्रमुख प्रतीक
इवाना कुपाला नाइट के प्रमुख प्रतीक जल, अग्नि और जड़ी-बूटियां हैं। सूर्योदय के समय तैरना अनिवार्य होता है। यह माना जाता है कि इस तरह से एक व्यक्ति आत्मा की सफाई की प्रक्रिया से गुजरता है, इससे बीमारियां दूर हो जाती हैं और शरीर की प्रतिरक्षा मजबूत होती है। 

इसके बाद आती है आग। नदी के पास या पहाड़ियों पर आग जलाई जाती है। कई बार आग जलाने के लिए प्राचीन तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है। इस आग को देर शाम को जलाया जाता है और यह सुबह तक जलती रहती है। दिलचस्प बात यह है कि गांव की सभी महिलाओं को आग के ऊपर से कूदना होता है। जो महिला ऐसा नहीं करती है, उसे जादू टोना करने वाली महिला के रूप में देखा जाता है। 

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