2018 के बजट में Income Tax का ये ‘झोल’ छीन लेगा आपका चैन और सुकून

आम बजट 2018 में इनकम टैक्स का यह झोल आपको परेशानी में डाल देगा। जी हां, सोना, एंटीक वस्तुएं, पेंटिंग आदि में निवेश करने वालों के लिए आम बजट निराश करने वाली खबर लाया है।

ऐसा इसलिए क्योंकि इनमें लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स की बचत का लाभ खत्म कर दिया गया है। आयकर विभाग सिर्फ जमीन और इमारत पर ही यह लाभ देगा।

भूमि, भवन, सोना, पेंटिंग, पुरानी एंटीक करेंसी, प्लांट मशीनरी, मोटर कार, फर्नीचर, पेटेंट, ट्रेडमार्क, शेयर, डिबेंचर्स, म्यूचुअल फंड समेत तमाम विकल्पों में निवेशक लाभ कमाने के मकसद से निवेश करते हैं। दो वर्ष या अधिक समय के बाद यदि इनकी बिक्री की जाती है तो उस पर होने वाला मुनाफा लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स के दायरे में आता है।

पूर्व में यह अवधि तीन वर्ष थी, जिसे पिछले साल जारी बजट में घटाकर दो वर्ष किया गया था। इस मुनाफे को आयकर से मुक्त रखने के लिए सरकार द्वारा अधिसूचित इन्फ्रास्ट्रक्चर बांड में इन्हें कम से कम तीन वर्ष के लिए निवेश करना जरूरी है।

चार्टर्ड एकाउंट विवेक खन्ना ने बताया कि ताजा बजट में लांग टर्म कैपिटल गेन की श्रेणी में आने वाली चल-अचल संपत्तियों में बदलाव किया गया है। सरकार ने अब सिर्फ भूमि और भवन पर होने वाले लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स को इन्फ्रा बांड में निवेश करके आयकर से मुक्त रखा जा सकता है।

मगर इसके लिए भी इन्फ्रा बांड में कम से कम पांच साल का लॉक इन पीरियड होगा। यानी पूर्व में तीन वर्ष की सीमा को दो साल और बढ़ा दिया गया है। वहीं अन्य अचल संपत्ति के लिए यह छूट समाप्त कर दी गई है। यानी आज कोई व्यक्ति सोने में एक लाख रुपये निवेश करता है और दो साल बाद उसे डेढ़ लाख में बेचकर पचास हजार रुपये की आय करता है तो उसे मुनाफे के पचास हजार रुपये पर टैक्स देना होगा।

चेरिटेबल ट्रस्ट को आयकर विभाग की विभिन्न धाराओं में छूट प्राप्त है। हालांकि इसमें शर्त यह होती है कि कुल आय का 85 फीसदी हिस्सा समाजसेवा में खर्च किया गया हो। इसके बाद शेष 15 फीसदी राशि ट्रस्ट के कैपिटल फंड में चली जाती है।

ताजा बजट में यह प्रावधान किया गया है कि यदि कोई ट्रस्ट ऐसा कोई भुगतान करता है जो नकद में किया गया हो या फिर उस पर निर्धारित टीडीएस नहीं काटा गया है तो संबंधित राशि पर आयकर देना होगा।

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