इस विचित्र मंदिर में आधी रात में भगवान करते हैं इलाज़, आते हैं लाखों लोग…

भारत देश बाकि दुनिया से अलग प्रकार का देश हैं। विश्वभर में भारत अपनी बहुत सी चीज़ों के लिए प्रसिद्ध हैं। भारत मे बहुत तरह के मंदिर व मस्जिद हैं जिनमे से कुछ तो विश्वविख्यात हैं। वैसे तो हर मंदिर की अपनी वजह होती हैं लेकिन कुछ मंदिर ऐसे हैं जिनके पीछे की कहानी काफी अजीब होती हैं। आज हम आपको ऐसा ही कुछ बताने जा रहे हैं। बात अगर डॉक्टर की करे तो डॉक्टर वो होता हैं जो हमे माँ के जन्म देने के बाद दुबारा जन्म दे सकता हैं। लेकिन अगर हम आपको ये कहे कि भगवान भी डॉक्टर होते हैं तो शायद आपको ये बात अज़ीब लगेगी। लेकिन ये बात बिल्कुल सच हैं, आइए पढ़ते हैं क्या हैं पूरा माज़रा?

ये जानने की जिज्ञासा तो आपको…

ये जानने की जिज्ञासा तो आपको भी उठ रही होगी कि आखिरकार ऐसा मंदिर कहाँ पर हैं जहाँ पर भगवान स्वंय पीड़ितों का इलाज करते हैं। तो हम आपको बता दे कि ये मंदिर ग्वालियर के 70 किमी करीब ही स्थित हैं। असल मे पूरा मामला यह हैं कि इस मंदिर में डॉक्टर्स रात को आते हैं और उनकी वेश भूषा बिल्कुल भगवान की तरह होती हैं, पुराने पुजारियों से पता चला हैं कि यह मंदिर हनुमानजी का हैं और हनुमानजी का एक और नाम संकटमोचन भी हैं तो यह डॉक्टर्स एक तरीके से उनके दूत बनकर आते हैं और पीड़ित लोगों का इलाज करते हैं। इलाज़ इतना पक्का व सटीक होता हैं कि यहाँ पर एक दिन ऐसा नही जाता हैं कि जिस दिन पीड़ितों की भीड़ न उमड़ती हो। दूर-दूर से लोग यहाँ पर आते हैं और रोगी से निरोगी बनते हैं। यह मंदिर बहुत पुराना हैं तो इसकी मान्यता भी बहुत हैं इसलिए आगत कोई व्यक्ति यहाँ आ कर सच्चे दिल से कुछ माँगता हैं तो वो चीज़ उसे जरूर मिलती हैं।

समय पूर्व मीडिया भी यहाँ पहुच…

समय पूर्व मीडिया भी यहाँ पहुच गया था तब लोगो ने बातचीत भी की मीडिया से और बताया कि भगवान यहाँ पर खुद आके पीड़ितों का इलाज करते हैं। वहाँ पर रह रहे लोग भगवान में बहुत ज्यादा विश्वास रखते हैं। लोगो की मान्यता के अनुसार कहा जाता हैं कि वहाँ पर एक बहुत बड़ा साधु रहता था जिसका नाम शिवकुमार था। वह भगवान का बहुत बड़ा भक्त था और हर समय वह भगवान की साधना में लीन रहता था यहाँ तक की उस साधु यह भी होश नही रहता था कि अब दिन हो रहा या रात। दिनरात वह बस भगवान की भक्ति में व्यस्त रहता था। भक्ति इतनी बढ़ चुकी थी कि उसको खाने-पीने का कुछ होश न था और अगर कोई उससे कहता कि कुछ खा लो तो उसका जवाब होता था कि भगवान की भक्ति से बड़ी कोई भूख नही होती हैं। शायद यही कारण था कि उसे अपने निजी जीवन का बिल्कुल भी ख्याल नही रह गया था जिससे उसकी दिनचर्या बिल्कुल बिगड़ चुकी थी तभी एक अचानक उसे कैंसर जैसी घातक बीमारी हो जाती हैं तब सभी लोग कहते हैं कि चलके किसी अच्छे डॉक्टर से अपना इलाज करा लो। फिर वह कहता कि मुझे किसी डॉक्टर के पास जाने की जरूरत नही मेरा इलाज़ भगवान स्वयं आके करेंगे। तब लोग यह समझ के घर लौट जाते कि इस साधु का दिमाग बीमारी की वजह से संतुलन में नही हैं।

बाकी दिनों तरह ही एक दिन…

बाकी दिनों तरह ही एक दिन शिवकुमार भगवान की भक्ति में लीन उनकी शरण मे बैठा हुआ था तभी अचानक उसके सामने भगवान प्रकट हो जाते हैं जिनकी वेश भूषा बिल्कुल डॉक्टर की तरह थी। देखने मे वह बिल्कुल डॉक्टर की तरह लग रहे थे और गले मे एक माला भी पहनी हुई थी। ये सब देखकर शिवकुमार बिल्कुल चौक गया और उसे विश्वास नही हुआ कि जो भी वह देख रहा वो सच हैं या कुछ और। फिर भगवान ने अपनी चमत्कारी शक्तियों से शिवकुमार के कैन्सर का इलाज किया और फिर शिवकुमार बिल्कुल ठीक हो गया, जैसा वो पहले हुआ करता था।

फिर अगली सुबह पूरे गाँव मे…

फिर अगली सुबह पूरे गाँव मे हंगामा मच गया, जब शिवकुमार ने बीती रात का किस्सा सुनाया तब किसी को विश्वास नही हुआ लेकिन उसकी बात सबको माननी पड़ी क्योंकि उसका स्वास्थ्य बिल्कुल ठीक हो चुका था। तब से वह मंदिर दिन-प्रतिदिन फेमस होता चला गया। और दूर-दूर से लोग आने लगे अपना इलाज़ करवाने। और तभी से ही उस मंदिर में भगवान को डॉक्टर के रूप में पूजा जाने लगा।

शिवकुमार के साथ जो भी हुआ…

शिवकुमार के साथ जो भी हुआ वो सब अकल्पनीय और अविश्वसनीय था इसको एक अजूबे के तौर पर देखा जाने लगा। और मंदिर की प्रसिद्धता इस तरह से बढ़ी की सब कहने लगे यहाँ भगवान खुद डॉक्टर बनके पीड़ितों का ईलाज़ करते हैं। फिर सब लोगो ने सोचा कि यहाँ पर भव्य मंदिर बनाया जाए और वहाँ पर एक हनुमान जी की मूर्ति स्थापित की गई। आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि मंदिर में भगवान हनुमान की मूर्ति नृत्य मुद्रा में रखी गयी है।भगवान का इस मंदिर में वास लोगों के लिए जादू की तरह सिद्ध हो रहा है शायद इसीलिए यहाँ आये दिन भीड़ जमा रहती है। ये बात कोई अंधविश्वास नही हैं बल्कि सच हैं जहाँ पीड़ितों का इलाज सच मे होता हैं और वो निरोगी बनते हैं।

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