चुनाव के चक्कर में ट्रंप ने मेडिकल पेशे को भी किया बदनाम, ‘कोरोना वॉरियर्स’ को बोला ‘विलेन’…..एसा क्यों कहा?

नई दिल्ली: अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में अब बस चंद दिन बाकी रह गए हैं,…और ऐसे में दोनों मुख्य प्रतिद्वंद्वियों के बीच खिंच चुकी हैं तलवारें…तेज़ हुआ घमासान…और कोरोना से मौतों पर ट्रंप का बांट दिया है अपना ‘दिव्य ज्ञान’ ! अपनी चुनावी नैया पार लगाने के लिए ट्रंप जैसे नेता ने मेडिकल पेशे को बदनाम करने में भी कोई हिचक महसूस नहीं की. उधर ट्रंप की ग़लतियों को भुनाने की ताक में बैठे बाइडेन ने तुरंत पलटवार किया है.

चुनाव से कुछ दिन पहले अमेरिका में कोरोना मामलों का सैलाब आ गया है. वर्ल्ड रिकॉर्ड के तौर पर एक दिन में 1 लाख से ज्यादा नए मामले सामने आने के बाद हड़कंप मचा हुआ है. कोरोना की इस बाढ़ ने चुनावी घमासान में आग लगा दी है. हर हाल में जीतने का दबाव नेताओँ पर इस क़दर हावी है कि लगता है जैसे उन्होंने सही ग़लत की पहचान भुला दी हो.

तभी तो देश में रिकॉर्ड तरीक़े से बढ़ रहे कोरोना मामलों के बीच भी असल समस्या पर फोकस करने के बजाए, डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडेन दोनों बस आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति में बिजी हैं. ट्रंप तो वैसे भी विवादास्पद टिप्पणी के लिए जाने जाते हैं, मगर इस लपेटे में वो मेडिकल जैसे सम्मानजनक प्रोफेशन को भी घसीट देंगे ऐसा किसी ने सोचा भी न होगा.

खुद को व्हाइटहाउस में सुरक्षित करने के लिए ट्रंप ने खुद पर गिर रहे कोरोना की जिम्मेदारी को डॉक्टर्स की तरफ़ मोड़ दिया और मिशिगन की एक रैली में कहा कि कोरोना वायरस से हो रही मौतों से डॉक्टर्स को फायदा हो रहा है.

यूएस प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अगर कोई कोविड-19 से मरता है तो हमारे डॉक्टरों की ज्यादा कमाई होती है. हमारे डॉक्टर्स बहुत स्मार्ट हैं. वो करते कुछ हैं,…और कहते ये हैं कि हर कोई कोविड से मर रहा है. उधर जर्मनी और दूसरी जगहों पर, अगर आपको हार्ट अटैक या कैंसर हुआ,तभी आप मरनासन्न माने जाते हैं, आपको ठंड लगी तो डॉक्टर कहते हैं कि कैंसर से मौत हुई या हार्ट अटैक हुआ. मगर अमेरिका में मौत की वजह में संदेह भी हो तो डॉक्टर कोविड ही वजह बताते हैं.

इतना ही नहीं ट्रंप ने डेमोक्रिटक राज्यों वाली सरकार पर लोगों को डराने के आरोप लगाए. कहा लोगों को घरों में कैद कर देने से महामारी खत्म नहीं होगी. बल्कि इसका मुकाबला करना होगा. पता नहीं ट्रंप किस तरह के मुकाबले की बात कर रहे हैं. क्यंकि इस रैली में शामिल हज़ारों लोगों में से ज्यादातर बिना मास्क के ही नजर आए. ट्रंप और उनके सहयोगी तो हमेशा की तरह बिना मास्क के ही थे पर पहली बार ट्रंप किसी रैली में ग्ल्ब्ज पहने नजर आए.

दूसरी तरफ़ डेमोक्रेटिक कैंडिडेट जो बाइडेन ने मिनेसोटा में ट्रंप को कोरोना मुद्दे पर ही घेरा. उन्होंने ट्रंप पर कोरोना के आगे हथियार डाल देने का आरोप लगाया साथ ही डॉक्टर्स नर्स और मेडिकल प्रोफेशन की सराहना करते हुए ट्रंप पर हमला बोला.

यूएस इलेक्शन में डेमोक्रिटिक प्रेसिडंट कैंडिडेट जो बाइडेन ने अपनी रैली में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि ट्रंप का कोरोना से मौतों की असली वजह डॉक्टर्स को बताना बेहद आपत्तिजनक है. कोविड से होने वाली मौतों से वो ज्यादा पैसे कमा रहे हैं. ये बोलना और आपत्तिजनक है. दरअसल ट्रंप ये बताना चाहते हैं कि कोविड की वजह से नहीं बल्कि दूसरी वजहों से लोग मर रहे हैं.

दरअसल अर्थव्यवस्था पर एक सरकारी आंकड़े ने ट्रंप को अति उत्साह से भर दिया है. अमेरिकी अर्थव्यवस्था में तीसरी तिमाही के नतीजों में 33 फीसदी की उछाल ने ट्रंप को एक मौक़ा फिर दे दिया जिससे वो लॉकडाउन के खिलाफ़ वाली अपनी नीति को जायज़ ठहरा सकें. इसलिए उन्होंने लॉकडाउन के विरोध वाली अपनी नीति और इकोनॉमिक ग्रोथ पर खुद अपनी पीठ थपथपाई थी.

तब यूएस प्रेसिडेंट ने कहा कि हम फिर से लॉकडाउन नहीं करेंगे। हम बंदी से बर्बाद हो रहे थे. जबकि हम असल बीमारी को समझते हैं और अब हम बिजनेस के लिए हमेशा तैयार हैं. ट्रंप ने कहा कि यही वो जज्बा है जिसके दम पर अमेरिका ने ये जबरदस्त इकोनॉमिक ग्रोथ हासिल की है.

जो एक्सपर्टर्स के अनुमानों से 4 गुना ज्यादा है. लेकिन जब ट्रंप आर्थिक ग्रोथ का जश्न मना रहे थे, ठीक उसी दिन दूसरी तरफ़ कोरोना के 90 हज़ार से ज्यादा नए मामले सामने आने से ट्रंप को इस पर जवाब भी देना था. साथ ही अगले दिन 1 लाख से भी ज्यादा नए मामले सामने आ गए तो इस बार उन्होंने डॉक्टर्स और पूरे मेडिकल प्रोफेशन को बलि का बकरा बनाने की ओछी कोशिश की.

इधर ताक़ में बैठे बाइडेन ने तुरंत पलटवार किया. बाइडेन ने कोरोना के बढ़ते मामलों के लिए सीधे तौर पर ट्रंप को क़सूरवार ठहराया और कहा कि ट्रंप प्रशासन इस माहामारी को संभाल पाने में पूरी तरह नाकाम रहा. और ऐसे में डोनाल्ड ट्रंप मेडिकल पेशे को बदनाम कर गंदा खेल खेल रहे हैं. जबकि डॉक्टर्स और नर्स लोगों का जीवन बचाने के लिए हर दिन काम पर जाते हैं. डोनाल्ड ट्रंप को उन पर हमला बंद करना चाहिए और अपना काम करना चाहिए.

वैसे ट्रंप की तो ये फितरत रही है कि वो खुद पर आ रहे सवालों से बचने के लिए फौरन ही कोई बाहान ढूंढ लेते हैं. लेकिन इस बार व्हाइटहाउस की जंग में इस तरह मेडिकल पेशे को घसीटना ट्रंप के लिए कहीं उल्टा ना पड़ जाए.

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