सुप्रीम कोर्ट ने रिश्वत लेने के मामले में रिटायर जज से जांच कराने की याचिका किया खारिज

जजों के नाम पर घूस लेने का मामले में सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर्ड मुख्य न्यायाधीश की निगरानी में एसआईटी जांच कराने की कामिनी जायसवाल की याचिका खारिज कर दी है. हालांकि कोर्ट ने अवमानना कार्रवाई से इंकार किया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हालांकि ये मामला अवमानना का बनता है लेकिन हम उम्मीद करते हैं कि भविष्य में संस्थान की गरिमा के लिए मिलकर काम करेंगे. कोर्ट ने कहा कि एफआईआर में किसी भी जज के खिलाफ आरोप नहीं है.सुप्रीम कोर्ट 

19 सितंबर को जब एफआईआर दर्ज हुई तो सुप्रीम कोर्ट में कोई केस लंबित नहीं था. कोर्ट नंबर-2 में जब इस मामले को उठाया गया तो कोर्ट को नहीं बताया गया कि पहले से ही ऐसी याचिका लंबित है.  ये पूरी अनैतिक है और फोरम शॉपिंग का प्रयास था.

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कोर्ट ने कहा कि सीजेआई किसी भी केस में काम तय करते हैं और जब मामला सामने आया तो याचिकाकर्ता के वकील ने सीजेआई को अलग होने के लिए कह दिया. याचिकाकर्ता ने याचिका में पहले कानून को देखे, समझे व परखे बिना मुद्दे न उठाएं. इस कारण बिना मतलब शीर्ष संस्थान के प्रति संदेह पैदा हुआ और सुप्रीम कोर्ट की छवि के क्षति पहुंची है. ये सब जानबूझकर किया गया जो पूरी तरह अवमानना का मामला है.

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