सर्द मौसम में गरमाई धर्मनगरी, दो संतों के खिलाफ मुकदमा दर्ज
प्रशासन भी पीछे हटने को तैयार नहीं है। उसका कहना है मातृसदन के संतों के खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई की गई है। किसी को भी कानून को हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जा सकती। बहरहाल दोनों पक्ष अपनी-अपनी बातों पर अडिग रहने से सर्द भरे मौसम में धर्मनगरी का माहौल गरमा गया है।
ऋषिकुल आयुर्वेदिक कालेज कैंपस में भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय की 156वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में जिलाधिकारी दीपक रावत के विरोध में मातृसदन के संत आत्मबोधानंद के उतरने के बाद नया मोड़ आ गया है।
कॉल कर रहे शख्स ने अपना नाम दयानंद निवासी मातृसदन बताते हुए जिलाधिकारी दीपक रावत को मालवीय रत्न न देने की बात कही थी। साथ ही चेताया था यदि मालवीय रत्न दिया गया तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। कॉल कर रहे शख्स ने कहा था जिलाधिकारी शराब और खनन के कार्य में पूरी तरह से लिप्त हैं। इसलिए उन्हें यह पुरस्कार किसी भी हालत में न दिया जाए। आरोप है कि शाम को मातृसदन के ब्रह्मचारी दयानंद और संत आत्मबोधानंद ने कार्यक्रम में पहुंचकर हंगामा किया और जिलाधिकारी का अपमान किया।
मंगलवार को कोतवाली प्रभारी चंद्रभान सिंह अधिकारी ने बताया कि मातृसदन के संत ब्रह्मचारी दयानंद और आत्मबोधानंद को नामजद करते हुए मुकदमा दर्ज किया गया है। आत्मबोधानंद को रात को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। संत दयानंद ब्रह्मचारी को गिरफ्तार किया जाएगा। कोतवाली प्रभारी ने बताया कि पांच अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। शिनाख्त कर उन्हें जल्द दबोचा जाएगा।