पंजशीर घाटी में तालिबान और नेशनल रेजिसटेंस फोर्स के बीच हुई लड़ाई में करीब सात लोगों की हुई मौत, कई घायल

पंजशीर घाटी में तालिबान और नेशनल रेजिसटेंस फोर्स के बीच हुई लड़ाई में करीब सात लोगों की मौत हुई है। इसमें दो तालिबान विरोधी गुट के लड़ाके शामिल हैं। आपको बता दें कि 15 अगस्‍त को तालिबान ने काबुल पर कब्‍जा किया था। इसके बाद भी वो अब तक पंजशीर पर कब्‍जा पाने में नाकाम रहा है। पंजशीर की लड़ाई में तालिबान को इससे पहले भी नाकामी ही हाथ लगी थी। अब एक बार फिर से तालिबान के लिए ये घाटी उसकी नाकामी का सबब बन गई है।

पंजशीर के अलावा इसके समीप लगते बागलान में भी तालिबान और उनके विरोधी गुटों के बीच लड़ाई छिड़ी हुई है। नेशनल रेजिसटेंस फोर्स के प्रवक्‍ता फाहिम दश्‍ती ने कहा है कि उनका ग्रुप पूरी तरह से अपने नेता अहम मसूद के प्रति समर्पित है। उनके मुताबिक तालिबान ने पंजशीर के पश्चिमी रास्‍ते की तरफ से हमला करने की कोशिश की थी। फाहिम का कहना है कि उनके इस हमले में एक बार फिर से घाटी की सुरक्षा कितनी पुख्‍ता है, का पता चल गया है। प्रवक्‍ता के मुताबिक इस लड़ाई में तालिबान के आठ आतंकी मारे गए हैं और इतने ही घायल भी हुए हैं।

अफगानिस्‍तान की अशरफ गनी सरकार के मंत्री बिसमिल्‍लाह मोहम्‍मदी ने एक ट्वीट में बताया है कि पिछली रात तालिबान के आतंकियों ने पंजशीर पर हमला किया था जो नाकाम हो गया। इसमें सात आतंकी मार गिराए गए और कई घायल हो गए। मोहम्‍मदी भी नेशनल रेजिसटेंस ग्रुप के सक्रिय सदस्‍य हैं। हालांकि तालिबान की तरफ से इस बारे में अब तक कोई बयान सामने नहीं आया है। आपको बता दें कि मसूद यहां के पूर्व कमांडर अहमद शाह मसूद, जिन्‍होंने सोवियत संघ की सेना को अफगानिस्‍तान से बाहर भगाने में बड़ी भूमिका निभाई थी, के बेटे हैं। मसूद को पंजशीर का शेर भी कहा जाता है। उन्‍होंने तालिबान के खिलाफ हजारों लड़ाकों की फौज तैयार कर रखी है। इसके अलावा उनकी सेना में स्‍पेशल फोर्स भी है।

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