MP में मोबाइल चोरी का एक मामला इंसाफ के लिए भगवान की चौखट तक जा पहुंचा..

मोबाइल चोरी का एक मामला इंसाफ के लिए भगवान की चौखट तक जा पहुंचा। आलोट एसडीओपी शाबेरा अंसारी के सामने आरोपी महिलाओं द्वारा शिव मंदिर में कसम खाने के बाद यह सारा मामला शांत हुआ।

‘जब तुझसे ना सुलझें तेरे उलझे हुए धंधे, भगवान के इंसाफ पर सब छोड़ दे बंदे, बंदे तेरे हर हाल पर मालिक की नजर है, मिलता है जहां न्याय, वह दरबार यहीं है’। प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता दिलीप कुमार की एक फिल्म ‘नया दौर’ के इस गीत की यह पंक्तियां आपने जरूर सुनी होंगी। कुछ इसी तर्ज पर मोबाइल चोरी का एक मामला इंसाफ के लिए भगवान की चौखट तक जा पहुंचा। आलोट एसडीओपी शाबेरा अंसारी के सामने आरोपी महिलाओं द्वारा शिव मंदिर में कसम खाने के बाद यह सारा मामला शांत हुआ।

दरअसल, यह मामला मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के आलोट के ग्राम पालनगरा का है। गांव में बीते दिनों एक महिला का गांव की अन्य महिलाओं के साथ विवाद हो गया था, मामला इतना बढ़ गया था कि दोनों पक्षों ने आपस में एक दूसरे पर एफआईआर दर्ज करवा दी थीं। इस मामले को लेकर एक पक्ष की महिला ने दूसरे पक्ष की महिला पर मोबाइल चोरी करने का आरोप लगाया था, जिसके बाद यह मामला थाने जा पहुंचा। इसके बाद दर्जनों ग्रामीण भी मोबाइल चोरी का आरोप लगाने वाली महिला के खिलाफ थाने में पहुंचे गए। मामला गंभीर होता देख आलोट पुलिस ने दोनो पक्षों को समझाने के लिए गुरुवार को आलोट थाने में बुलाया था।

यहां पुलिस ने एसडीओपी शाबेरा अंसारी, जनपद अध्यक्ष प्रतिनिधि कालू सिंह परिहार, जनपद पंचायत उपाध्यक्ष प्रतिनिधि नरेंद्र सिंह परिहार, राकेश दायमा, जनपद सदस्य प्रतिनिधि रमेश मालवीय सहित कई जनप्रतिनिधियों को भी थाने पर बुलाया था। जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी बात रखी, लेकिन एक पक्ष की एक महिला लगातार अपना मोबाइल चोरी होने की बात कहती रही। पुलिस ने जब ग्रामीणों से मोबाइल के बारे में पूछा तो उन लोगों ने साफ मना कर दिया और कहा कि हमने मोबाइल नहीं लिया, लेकिन महिला मोबाइल चोरी को लेकर ग्रामीणों पर लगातार इल्जाम लगाती रही।

सभी लोगों के समझाने के बाद आरोप लगाने वाली महिला ने एक शर्त रख दी कि अगर यह महिलाएं मंदिर में चढ़कर कह देंगी कि उन्होंने मोबाइल नहीं लिया है तो वह मोबाइल को भूल जाएगी। इस तरह से जो मामला थाने पर नहीं सुलझा, आखिर कर भगवान के दरबार में पहुंच गया। आलोट एसडीओपी सभी महिलाओं को थाने में स्थित भगवान  भोलेनाथ के मंदिर पर ले गईं। वहां जाने के बाद सभी महिलाओं ने भगवान के सामने मोबाइल नहीं लेने की बात कही। मंदिर में भगवान के सामने मोबाइल नहीं लेने की कसम खाने के बाद पूरा मामला शांत हो गया।

आलोट थाना प्रभारी शिवमंगलसिंह सेंगर ने कहा कि आस्था और ईश्वरीय इंसाफ के विश्वास से सुलझे इस मामले ने यह साबित कर दिया है कि यदि इंसानियत है तो ही धर्म है। इस घटना ने यह भी साबित कर दिया है कि आज भी भगवान में लोगों की गहरी आस्था है, अगर मंदिर में चढ़कर कोई यह कह दे कि हां मैंने यह अपराध नहीं किया है तो ग्रामीण उसकी बात को मान लेते हैं। 

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